गुवाहाटीः रविवार को शहर के वर्षपाड़ा स्थित साउथ प्वाइंट स्कूल परिसर में कार्यकर्ताओं के बौद्धिक संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सामाजिक परिवर्तन के लिए पंच परिवर्तन को महत्वपूर्ण कुंजी बताया।
पांच परिवर्तनों पर की विस्तार से चर्चा
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुवाहाटी महानगर द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में जिम्मेदार कार्यकर्ता मौजूद थे। सरसंघचालक डॉ. भागवत ने सामाजिक परिवर्तन के लिए आवश्यक पांच परिवर्तनों सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्य, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने समाज में विभिन्न जातियों, मतों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच मैत्री और एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया, ताकि एक समरस समाज का निर्माण किया जा सके। डॉ. भागवत ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों, जलाशयों और श्मशान घाटों की सुरक्षा के लिए सभी को परस्पर सम्मान और सहयोग के साथ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने परिवार में भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने से समाज को सही दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा।
समाज की जिम्मेदारी पर डाला प्रकाश
डॉ. भागवत ने पर्यावरण संरक्षण में समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला, जल संरक्षण, पॉलीथिन में कमी और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय परिवार को अपनी भाषा, वस्त्र, भोजन, आवास और यात्रा में स्वदेशी अपनाना चाहिए। डॉ. भागवत ने सभी से विदेशी भाषाओं का प्रयोग कम करने और अपनी मातृभाषा में संवाद करने का आह्वान किया।
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डॉ. भागवत ने कहा कि जहां तक नागरिक कर्तव्यों का सवाल है, हमें सभी राजकीय नियमों और कानूनों का पालन करना चाहिए, इसके साथ ही प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह पारंपरिक सामाजिक नैतिक मानदंडों का पालन करे, जिनका उल्लेख किसी नागरिक नियम पुस्तिका में नहीं है, ताकि समाज का कल्याण हो सके। कार्यक्रम में उत्तर असम प्रांत के संघचालक डॉ. भूपेश शर्मा और गुवाहाटी महानगर के संघचालक गुरु प्रसाद मेधी भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि डॉ. मोहन भागवत वार्षिक कार्यक्रम के तहत पांच दिवसीय असम दौरे पर 21 फरवरी की शाम को गुवाहाटी पहुंचे। गुवाहाटी के बाद उनका अगला प्रवास अरुणाचल प्रदेश में निर्धारित है।
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