RRB: रेलवे की ग्रुप-डी परीक्षाओं में नकल कराने वाले सॉल्वर गैंग का खुलासा, 4 गिरफ्तार

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लखनऊः बुधवार को यूपी एसटीएफ को रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप-डी की ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले संगठित सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुचित तरीके अपनाकर फर्जी अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराने के सम्बन्ध में कई सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की सूचना एसटीएफ को मिल रही थी। इसी को लेकर एसटीएफ की कई टीमों को लगाया गया।

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इस गिरोह से सम्बधित सूचनाएं एकत्र करने के क्रम में पता चला कि बुधवार दिनांक 13 सितम्बर को जनपद गोरखपुर में स्वास्तिक आनलाईन सेंटर नौसढ़ पर एक सॉल्वर परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देगा। इस सूचना पर प्रयागराज एसटीएफ की फील्ड इकाई ने स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर नौसढ़ के पास से आवश्यक बल प्रयोग कर देवरिया निवासी अखिलेश्वर सिंह, (वर्तमान पता पादरी बाजार, गोरखपुर), गोरखपुर निवासी मिथिलेश कुमार (परीक्षार्थी) व रायबरेली निवासी रामनरेश को गिरफ्तार कर लिया।

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कोई दूसरा दे रहा था परीक्षा

गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि स्वास्तिक आनलाईन सेण्टर के कक्ष में मूल अभ्यर्थी मिथिलेश कुमार के स्थान पर सॉल्वर रंजीत कुमार बैठा है, तत्पश्चात् सेंटर के अन्दर जाकर सेंटर पर ड्यिूटी पर मौजूद कर्मियों को साथ लेकर बिहार के पटना निवासी सॉल्वर रंजीत कुमार (वर्तमान पता मकान नं० – टी / 1 / डी सीटी रेलवे कालोनी, लखनऊ) को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से एक फर्जी मतदाता पहचान पत्र, एक फर्जी आधार कार्ड, कई फर्जी व कूटरचित परीक्षा प्रवेश पत्र जिस पर नाम किसी और का एवं फोटो रंजीत कुमार का, दो रफशीट, एक वैरीफाइड का मोहर, विभिन्न लोगों के कई अदद आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, छह मोबाइल फोन, दो मोटरसाइकिल (पैशन प्रो-यूपी 53 एजेड 5214 व होण्डा लीवा यूपी 53 सीयू 5097 ) की बरामदगी की गई।

लखनऊ का रहने वाला सॉल्वर रंजीत

एसटीएफ की पूछताछ पर रंजीत कुमार ने बताया कि पूर्व में वह ईसीआरसी के पद पर लखनऊ में कार्यरत था। स्वास्तिक ऑनलाइन सेण्टर नौसढ़ में आज मिथिलेश कुमार की जगह पर परीक्षा देने आया था। रंजीत ने बताया कि वह लखनऊ, चण्डीगढ़, प्रयागराज, उत्तराखण्ड आदि कई स्थानों पर सॉल्वर के रूप में दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दे चुका है। रंजीत ने बताया कि बाकि अन्य स्थानों पर दिये गये परीक्षाओं के सम्बन्ध में याद नहीं है। पिछले कई वर्षों से वह यही काम कर रहा है।

अंगूठे की छाप के काम आता था फेवीकॉल

इसके पास बरामद विग और अन्य मेकअप के सामान के बारे में पूछा गया तो बताया कि अभ्यर्थियों के रंग रूप के हिसाब से अपने चेहरे का मेकअप कर लेता था और बरामद फेविकोल के बारे में बताया कि अभ्यर्थियों के अंगूठे की छाप तैयार करने के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। फोटोशाप के माध्यम से अभ्यर्थियों के फोटो के स्थान पर अपना फोटो मिक्स करके लगा देता है।

प्रति अभ्यर्थी पांच लाख में तय होता था सौदा

गिरफ्तार अभियुक्त अखिलेश्वर सिंह से पूछताछ पर बताया कि वह अभ्यर्थियों को लाता था। रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा में नियुक्ति हो जाने के बाद प्रति अभ्यर्थी 05 लाख रूपये लेता था। जिसमे मेरा कमीशन 02 लाख रूपया बच जाता था।
गिरफ्तार अभियुक्त मिथिलेश कुमार ने बताया कि अखिलेश्वर सिंह के माध्यम से मेरे स्थान पर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलाने की बात कही गयी थी नियुक्ति हो जाने के बाद 05 लाख रूपये अखिलेश्वर सिंह को देना था।

गिरफ्तार अभियुक्त रामनरेश ने बताया कि मैं रंजीत कुमार का सहयोगी हूँ मैं भी अभ्यर्थियों को खोजकर लाता हूँ जिससे मुझे भी कुछ पैसा कमीशन के तौर पर मिल जाता है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना गीडा, जनपद गोरखपुर में धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी आईपीसी का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

(पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट)

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