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क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट बढ़वाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरफ्तार

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नई दिल्लीः क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट बढ़ाने और कार्ड की समय सीमा समाप्त होने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से बीस मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप और 72 सिमकार्ड, एक एटीएम कार्ड, दो वाईफाई डोंगल आदी बरामद किये हैं। आरोपितों की पहचान सिद्धार्थ राज तिवारी और दीपक वाधवा के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक, साइबर थाना पुलिस को प्रेम यादव नामक व्यक्ति से क्रेडिट कार्ड की डिटेल लेने के बाद धोखाधड़ी होने की शिकायत मिली थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पास एक अंजान नंबर से फोन आया था। कॉलर ने खुद को एसबीआई बैंक से बताया था। कॉलर ने कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट बढ़ाने के लिये उसे कार्ड की डिटेल चाहिए।

विश्वास होने पर उसने डिटेल दे दी। जिसके बाद उसके खाते से 90 हजार रुपये निकल गए। एसीपी ईश्वर सिंह की देखरेख में एसएचओ अजय दलाल के निर्देशन में एसआई अंकित यादव, एसआई अंकुर तोमर हेड कांस्टेबल अजय कांस्टेबल जोनी, प्रदीप, अजय खोकर और महिला कांस्टेबल ज्योति को आरोपियों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।

पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता से कॉलर का फोन नंबर और बैंक खाते की डिटेल लेकर जांच की। जिसमें पता चला कि आरोपी सुभाष नगर इलाके में रहता है। जिसके कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की गई। आरोपित दीपक वाधवा को सुभाष नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित से पूछताछ करने पर पता चला कि वह एक सिद्धार्थ राज तिवारी के साथ कुछ लड़कों और लड़कियों की मदद से कॉल सेंटर चलाता है। उसकी निशानदेही पर सुभाष नगर इलाके से सिद्धार्थ राज तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से पूछताछ करने पर पता चला कि पांच साल पहले दोनों एक साथ वेबसाइट डिजाइन करते थे।

चूंकि यह व्यवसाय घाटे में जा रहा था, उन्होंने जल्दी पैसा कमाने के कई उपाय सोचे। इस बीच, वे एक व्यक्ति के संपर्क में आए, जिसने उन्हें फर्जी कॉल सेंटर शुरू करने और कुछ लोगों को उनके कार्ड का विवरण हासिल करने के लिए नियुक्त करने का लालच दिया। जब भी किसी पीड़ित के कार्ड की डिटेल ले लिया करते थे। उसके बाद उसके खाते से हजारों रुपये निकाल लिया करते थे।

उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने उन्हें कॉल सेंटर शुरू करने का लालच दिया, वह डेटा, सिम कार्ड के साथ-साथ पेमेंट गेटवे के लिंक भी लिया करता था। वह उन्हें उनका हिस्सा देता था और शेष राशि अपने पास रखता था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले में (एनसीआरपी पोर्टल) की 8 शिकायतें भी सीधे तौर पर आरोपित व्यक्तियों से जुड़ी हुई पाई गई हैं। हालांकि, अधिक पीड़ितों का पता लगाने के लिए मोबाइल फोन के सीडीआर की जांच की जा रही है।

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