नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इससे पहले आप, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू) और सीपीआई (एम) ने भी बहिष्कार की घोषणा की है।
राजद सांसद मनोज झा ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों में जब पता चला कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं तो हमने सुझाव दिया था कि संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। यह संसदीय प्रणाली की परंपरा के अनुसार होता, मगर प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते। मनोज झा ने कहा कि 20-25 साल बाद जब इतिहास लिखा जाएगा तब लोगों को पता चलेगा की संविधान को सर्वोच्च मानते हुए उद्घाटन समारोह का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था।
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राहुल गांधी ने की थी राष्ट्रपति से उद्घाटन की मांग
हम अभी भी प्रधानमंत्री से इसे सुधारने का अनुरोध करते हैं। फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए जदयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि पार्टी विपक्षी एकता को बढ़ावा दे रही है और ज्यादातर विपक्षी दल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना चाहते हैं क्योंकि सरकार ने किसी को भरोसे में नहीं लिया और दूसरा उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए था। त्यागी ने कहा कि नई और पुरानी इमारतों का कोई महत्व नहीं है क्योंकि सरकार विपक्ष को चर्चा करने और असहमति जताने की अनुमति नहीं देती है।
उन्होंने ने कहा परंपराओं पर अंकुश लगया जा रहा है, यही कारण है हमने विपक्ष के समर्थन के लिए उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस पर सवाल क्या वह भी उद्घाटन का बहिष्कार करेंगे, इस पर जदयू नेता ने कहा कि उम्मीद है कि वही भी उद्घाटन का बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी के बजाय नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू से कराने की मांग के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
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