आंदोलन के नाम पर रस्म अदायगी ! चक्का जाम में जुटे सिर्फ 15 से 20 किसान

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इंदौरः कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को देशभर में किसानों ने चक्का जाम किया है। इंदौर में भी किसानों ने चक्का जाम करने की घोषणा की थी, लेकिन यह आंदोलन महज रस्म अदायगी बनकर रह गया। गिनती के किसान ही इस आंदोलन में शामिल हुए और सड़क पर बैठ गए। बाद में कृषि कानून को वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी दिया।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रवक्ता आशीष भैरम ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा मध्यप्रदेश के सभी जिलों में चक्काजाम किया गया था। शनिवार दोपहर को महासंघ के संभागीय अध्यक्ष जगदीश सिंह ठाकुर व जिला अध्यक्ष राजकुमार पाटीदार की अगुआई में महाराणा प्रताप चौराहा, राऊ पिगडंबर एबी रोड पर चक्का जाम किया गया। इसके बाद ज्ञापन सौंप कर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई।

किसान संघ ने एबी रोड पर शनिवार को चक्का जाम करने की तैयारी एक दिन पहले ही कर ली थी। सुबह 11 बजे यहां किसानों को एकत्रित होना था। लेकिन 12 बजे बाद एक-एक कर किसानों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि सुबह से ही 50 से ज्यादा पुलिस जवान जरूर हाईवे पर तैनात हो गए थे। देखते ही देखते मीडिया का जमावड़ा भी हाईवे पर लग गया। सभी किसानों के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन 1 बजे तक 15 से 20 किसान यहां पहुंचे और हाईवे जाम करने के लिए सड़क पर बैठ गए। हालांकि किसानों की इतनी संख्या नहीं थी कि सड़क पर आवाजाही को रोकी जा सके, यातायात चलता रहा। इसके बाद सड़क पर बैठे इन किसानों ने वहां मौजूद अधिकारी को कृषि कानून वापस लेने के लिए एक ज्ञापन दिया।

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किसानों का कहना था कि सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत हैं। आंदोलन के दौरान अब तक 180 किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। इसी कड़ी में इंदौर में एबी रोड पर भी किसानों द्वारा चक्काजाम किया गया।