सेंट्रल मेडिकल स्टोर को मिले जांच के आदेश
डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि खून से सने इन दस्तानों के इस्तेमाल से संक्रमण फैल सकता है, जिसमें एचआईवी और हेपेटाइटिस जैसी रक्त जनित बीमारियां फैल सकती हैं। स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने इस गंभीर मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने सेंट्रल मेडिकल स्टोर को मामले की जांच करने और खून से सने दस्तानों को अलग रखने का निर्देश दिया है।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की समस्या पहले भी सामने आ चुकी है, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि कुछ समय के लिए गंदे दस्तानों की आपूर्ति रोक दी गई थी, लेकिन गुरुवार को समस्या फिर से सामने आ गई। अस्पताल में इंटर्न देबारुण सरकार ने बताया कि एचआईवी मरीज का इलाज करते समय उन्होंने दस्ताने मांगे और जब उन्होंने पैकेट खोला तो पहले दस्ताने पर खून के धब्बे थे।
संक्रमण का बढ़ जाता है खतरा
उन्हें लगा कि शायद गलती से ऐसा हुआ होगा, लेकिन जब उन्होंने दूसरा दस्ताना निकाला तो उसमें भी यही समस्या दिखी। जूनियर डॉक्टरों ने इस घटना का स्थायी समाधान करने की मांग की है। एक डॉक्टर ने कहा, “अगर खून से सने दस्ताने पहनकर मरीजों का इलाज किया जाता है तो संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होगा। कोई भी सामान्य मरीज ऐसे दस्ताने पहनकर इलाज नहीं करवाएगा।”
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दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं।
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