Shimla: शहर को स्वच्छ बनाने का अनोखा कदम, कचरा जमा कर पाएं इनाम

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शिमला: शिमला शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए शिमला नगर निगम (shimla municipal corporation) ने एक नई पहल की है। इसके तहत दूध, दही और लस्सी के खाली पैकेट जमा करने वालों को नगद इनाम दिया जाएगा। 50 किलो प्लास्टिक जमा करने पर एक लाख रुपए और 100 किलो प्लास्टिक जमा करने पर दो लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। वार्ड पार्षद इस पैसे को अपनी इच्छानुसार विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे।

नगर निगम शिमला (shimla municipal corporation) ने सतुलज जल विद्युत निगम यानी एसजेवीएन के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। यह अभियान सभी 34 वार्डों में शुरू किया गया है। पिछले महीने पांच दिनों तक यह अभियान चलाया गया था, लेकिन तब सिर्फ तीन वार्ड मज्याठ, छोटा शिमला और विकास नगर ही यह पुरस्कार जीत पाए थे। इस बार यह अभियान 15 दिनों तक चलाया जा रहा है। ऐसे में सभी वार्डों के पास कैश प्राइज जीतने का मौका है।

हर वार्ड में नोडल अधिकारी व सुपरवाइजर नियुक्त

नगर निगम प्रशासन (shimla municipal corporation) के अनुसार यह अभियान शिमला शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।दरअसल, शहर में रोजाना हजारों पैकेट दूध, दही और लस्सी कचरे में फेंके जाते हैं। लोग अब ये पैकेट नगर निगम कर्मचारी को अलग से देंगे। कर्मचारी इस प्लास्टिक को वार्ड में एक जगह जमा करेंगे। बाद में इसे एसजेवीएनएल को दिया जाएगा। नगर निगम व एसजेवीएनएल ने इसके लिए हर वार्ड में नोडल अधिकारी व सुपरवाइजर नियुक्त किए हैं।

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30 जून तक चलेगा अभियान

नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि यह अभियान 30 जून तक चलेगा। हर शहरवासी इस अभियान से जुड़ सकता है। इससे न केवल शहर प्लास्टिक मुक्त होगा, बल्कि वार्ड को पुरस्कार दिलाने में भी लोग अपना योगदान देंगे। उन्होंने शहरवासियों से इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।

स्वच्छता सर्वे में 102वें नंबर पर शिमला –

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणामों में शिमला शहर को 56वां स्थान मिला था, जबकि वर्ष 2021 के सर्वेक्षण में शिमला शहर को 102वां स्थान मिला था। शिमला शहर में लगातार बढ़ती भीड़ के कारण यहां रोजाना टनों प्लास्टिक कचरा जमा हो जाता है। ऐसे में शहर के कई इलाकों में गंदगी भी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं, कुछ असमाजिक तत्व शिमला शहर से सटे जंगलों में भी कूड़ा फेंक देते हैं। ऐसे में नगर निगम प्रशासन (shimla municipal corporation) के इस अभियान से न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों में जागरूकता भी बढ़ेगी।

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