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रिलायंस समूह ने नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव को बताया निराधार

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र में रिलायन्स इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव को रिलायंस समूह ने निराधार बताया है। ऐसी खबरों का रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से खंडन किया गया है। समूह के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि नीता अंबानी ने बीएचयू की ओर से विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। बीएचयू की ओर से भी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।

इस मामले में बीएचयू के जनसम्पर्क अधिकारी प्रो.राजेश सिंह ने बताया कि गत दिनों श्रीमती नीता अंबानी को विश्वविद्यालय स्थित सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी खबरें प्रकाशित हुई थीं। प्रो. राजेश सिंह ने स्पष्ट किया कि श्रीमती नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय, विभाग, केन्द्र में विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने, शिक्षण की कोई भी जिम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।

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उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद की मंजूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंजूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है। वहीं नीता अम्बानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के खबरों को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र भी लामबंद है। उद्योगपतियों के इशारे पर नीता को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की खबरें आने के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। छात्रों ने कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगा धरना प्रदर्शन भी किया था।