नई दिल्लीः आज छत्तीसगढ़ में बोरे बासी दिवस (bore basi) मनाया जा रहा है। श्रम दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिकों के सम्मान में राज्यवासियों से बोरे बासी खाने का आह्वान किया था। इसलिए श्रमिक दिवस को राज्य में बोरे बासी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
बोरे बासी (bore basi) छत्तीसगढ़ की संस्कृति का हिस्सा है। आपको बता दें कि यह व्यंजन पौष्टिकता से पूर्ण है। इस कारण इसे सुपर फूड भी कहा जाता है। खासकर गर्मियों के दिन में बोरे बासी शरीर को ठंडक पहुंचाता है और गर्म हवाओं से भी रक्षा करता है। रातभर चावल के भीगने पर इसमें प्रोबायोटिक बनते हैं, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इसके अलावा बोरे बासी (bore basi) में मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम व कैल्शियम पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाई जाती है बोरे बासी (bore basi)।
बोरे बासी के लिए जरूरी सामग्री –
बचे हुए चावल – 2 कप
पानी – 2 कप
नींबू या दही – स्वादानुसार
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बोरे बासी बनाने की विधि –
- बचे हुए चावल को रात भर पानी में भिगोकर रख दें।
- अगले दिन चावल में नमक, दही, प्याज, हरी मिर्च मिला दीजिए। आप बोरे बासी में दही के स्थान पर नींबू का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- बोरे बासी (bore basi) तैयार है। इसे चटनी, पापड़ या अचार के साथ खाएं।
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