चेन्नई: तमिलनाडु के कुन्नूर के कटारी पार्क में पहली बार हेलीकॉप्टर दुर्घटनास्थल पर पहुंचने वाले लोगों के समूह में शामिल एक ग्रामीण ने गुरुवार को दावा करते हुए कहा कि जब वह घटना स्थल पर पहुंचे, तो उस वक्त तक सीडीएस जनरल बिपिन रावत जीवित थे और वह पानी मांग रहे थे। कुन्नूर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, शिवकुमार ने कहा, “हम दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे और हमने तीन लोगों को जीवित पाया और उनमें से एक पानी मांग रहा था। हमारे पास पानी नहीं था लेकिन हमने तुरंत उन तीनों को अलग-अलग कंबल लपेट दिया और वेलिंगटन आर्मी अस्पताल ले गए।” बाद में पता चला कि वह घायल व्यक्ति जनरल बिपिन रावत हैं। इसका मुझे ऐसा सदमा लगा कि रातभर सो नहीं सका।
हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें यह पक्का नहीं पता था कि वह जनरल रावत थे और दिवंगत अधिकारी की तस्वीरें सामने आने पर ही उन्हें पहचान सकते हैं। शिवकुमार, कृष्ण मूर्ति और एम. रविकुमार दुर्घटना की खबर सुनकर मौके पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से थे। उन्होंने करीब जाकर देखा तो हेलीकॉप्टर में आग की लपटें उठी हुई थी।
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उल्लेखनीय है कि सहायत के लिए पहुंची टीम ने भी यह दावा किया था कि जनरल बिपिन रावत ने अपना नाम स्वयं ही बताया था उन्होंने हिंदी में ही कहा था कि ‘मैं जनरल बिपिन रावत’ इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही सीडीएस रावत ने दम तोड़ दिया।
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