सोनीपतः टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने बुधवार को पुरूषों की फ्री स्टाइल 57 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के सानायेव नूरीस्लाम को हराकर टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में पहुंच गए। इसी के साथ रवि दहिया ने भारत के लिए एक पदक को पक्का कर लिया है। रवि के पैतृक गांव नाहरी में रवि के जोश जुनून जज्बे का सलाम करते हुए जश्न मनाया मिठाइयां बांटी। अब गोल्ड की उम्मीद भारत को रवि दहिया से है।
रवि के पिता राकेश दहिया के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सोनीपत का गांव नाहरी दिल्ली बॉर्डर के साथ लगता है। यहां बुधवार को खुशी में ग्रामीण नाचते हुए खुशी मनाते हुए मिठाई बांट रहे हैं कि उनके लाडले ने भारत का कुश्ती का चकता हुआ सितारा बनके चमक रहा हे एक ही दिन में लगाता दो मैच खेले और दोनों जीते। यह देश के लिए खास मौका है जब हरियाणा प्रदेश के पहलवान टोक्यों में तिरंगा फहरा रहे हैं। यह गौरव की बात है।
भारतीय पहलवान रवि दहिया ने बेल्गेरिया के पहलवान को हराया तो दूसरी बार कजकिस्तान के पहलवान को हराकर फाइनल में स्थान बनाया। रवि के पिता राकेश कुमार उत्साहित हैं उनका कहना है कि आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण वे तो कुश्ती में आगे नहीं बढ़ सके थे, लेकिन अपने बेटे को वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए स्वर्णिम प्रदर्शन करते देखना चाहते हैं, उसके बेटे उसके सपनों को साकार करने के सार्थक प्रयास किये हैं। राकेश का कहना है कि खुद वे अच्छे पहलवान रहे, लेकिन घर की जरुरतों को पूरा करने के लिए खेती करने लगे।
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रवि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा के बल पर ओलंपिक में पहुंचकर बेहतर खेल का प्रदर्शन कर रहा है। ओलंपिक में रवि से हमें स्वर्ण पदक की उम्मीद है। राजेश कहते हैं कि नाहरी की माटी खुशबू विदेश में महके यह हर ग्रामीण का सपना होता है। गांव के लाडले ने वतन की आन, बान और शान को बेहतर तरीके से सम्मान दिलाया उम्मीदों पर खरा उतरा और अब देश को सोना दिलाए विश्व को नाम रोशन हो इसी को लेकर नाहरी गांव में जश्न मनाया जा रहा है।