जयपुर: आरएसएस से जुड़े राष्ट्रीय सेवा भारती (आरएसबी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा संगम का 3 दिवसीय तीसरा संस्करण रविवार को यहां ‘आत्मनिर्भर समाज और आत्मनिर्भर भारत’ सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और लद्दाख सहित 45 प्रांतों के 2,756 प्रतिनिधियों, जिनमें से 515 महिलाएं थीं, ने आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में 95 महिलाओं सहित 820 आयोजकों ने नवाचार, स्टार्टअप और स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
विभिन्न वक्ताओं ने संगठन की उपलब्धियों, इसके विजन और भविष्य की पहलों पर भी प्रकाश डाला, जबकि केस स्टडी, शोध कार्य, किताबें और अन्य प्रकाशन भी प्रस्तुत किए गए। बालिकाओं की प्रगति के लिए 50 से अधिक केस स्टडी प्रस्तुत की गईं। राष्ट्रीय सेवा भारती के ट्रस्टी विनोद बिड़ला ने कहा कि सेवा संगम में सामाजिक परिवर्तन के विचारों को आशा की किरण मिली। इससे आने वाले दिनों में समृद्ध भारत का संकल्प साकार होगा। इससे ऐसा देश बनेगा, जहां हर वर्ग और समाज के लोग गर्व से जी सकेंगे। सेवा भारती सभी क्षेत्रों में एक दृढ़ सामाजिक उत्थान की सुविधा के लिए पूरे दिल से समर्पित है। संगठन महिलाओं को प्रशिक्षित और सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पीरामल ग्रुप अजय पीरामल, संत बालयोगी उमेश नाथ महाराज, उद्योगपति नरसीराम कुलरिया, अशोक बागला, आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले, सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी, मुकुंद सीआर, महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद, विश्व जागृति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज, राजसमंद की सांसद दीया कुमारी शामिल हुईं।
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