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यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं में आ रहा तेजी से सुधार, शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों में भी आई गिरावट

लखनऊः स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के मामले में उत्तर प्रदेश की स्थिति धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के मामलों में यूपी ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में यूपी प्रथम स्थान पर है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि लिंगानुपात, शिशु मृत्यु दर, मेडिकल कॉलेज में बढ़ोत्तरी के मामले में यूपी में काफी सुधार हुआ है। स्वास्थ्य सूचकांक में यूपी विकासशील प्रदर्शन में 5.52 प्राप्तांक हासिल करने में सफल रहा है। डेल्टा रैंकिंग में असम दूसरे व तेलंगाना तीसरे स्थान पर है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी गवाही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 और नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक के आंकड़ें दे रहे हैं। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश यूपी सुधार के मामले नंबर वन है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में जारी किए आंकड़ों के अनुसार बच्चों में संक्रमण की दर पहले की अपेक्षा कम हुई है और नवजात शिशु को मृत्यु दर में भी कमी आई है।

नवजात मृत्यु दर में 9.94 प्रतिशत की दर्ज की गई गिरावट
प्रवक्ता ने कहा कि साल 2017 के बाद प्रदेश में नवजात शिशुओं के हालातों में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के साल 2020-2021 की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा यूपी में सुधार हुआ है। यूपी में साल 2015-2016 में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नवजात मृत्यु दर (एनएनएमआर) 45.1 प्रतिशत थी तों वहीं 2020-2021 में 35.7 प्रतिशत दर्ज की गई है। ऐसे में नवजात मृत्यु दर में 9.94 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर (प्रति एक हजार) जन्में बच्चों में से एक साल या उससे कम उम्र में मृत्यु और पांच साल से कम में मृत्यु की दर जारी किए गए आकड़ों में भी काफी सुधार देखने को मिला है।

बच्चों में संक्रमण की दर में आई 9.4 की गिरावट
उन्होंने बताया कि साल 2017 से पहले बच्चों में संक्रमण की दर 15 प्रतिशत थी जो अब 5.6 प्रतिशत है। योगी सरकार में बच्चों की संक्रमण दर में 9.4 की गिरावट दर्ज की गई। यूपी में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) वर्तमान समय में 50.4 प्रतिशत है तो वहीं इससे पहले 63.5 प्रतिशत थी। पांच साल के अंदर शिशु मृत्यु दर 59.8 प्रतिशत है। वहीं योगी सरकार से पहले यह 78.1 प्रतिशत थी। प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां हजारों की तादाद में नौनिहाल संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ देते थे, पर प्रदेश सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से प्रदेश के बच्चों के हालात बेहतर हुए हैं।

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एक साथ हुई चिकित्सकों की सीधी भर्ती
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यूपी में 1000 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की गई। विभाग की ओर से 400 विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए पारदर्शी परामर्श-सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें अपनी स्वेच्छा से स्वयं अपना तैनाती स्थान का विकल्प चुनने का अवसर प्रदान किया गया। नवम्बर में आयोजित इस सत्र में 300 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग करके अपने तैनाती स्थान का चयन किया गया।

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