Ranji Trophy: 10वें और 11वें नबंर के बल्लेबाजों ने शतक जड़कर रचा इतिहास, 78 सालों में पहली बार हुआ ऐसा

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Ranji Trophy, मुंबईः रणजी ट्रॉफी में नंबर-10 और नंबर-11 के बल्लेबाजों ने शतक जड़कर ऐतिहासिक कारनामा किया है। मुंबई के हरफनमौला खिलाड़ी तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे (Tushar Deshpande) ने मंगलवार को बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रणजी ट्रॉफी इतिहास में 10वें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी की।

 10वें विकेट के लिए जोड़े 232 रन 

दोनों बल्लेबाजों ने 10वें विकेट के लिए 232 रन जोड़े। इस मैच में तुषार देशपांडे ने 123 रनों की पारी में 129 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके और 8 छक्के लगाए। तो वहीं तनुष कोटियन (Tanush Kotian) ने 129 गेंदों में खेली गई 120 रनों की नाबाद में 10 चौके और चार छक्के जड़े। हालांकि वो अजय शर्मा और मनिंदर सिंह द्वारा बनाए गए 233 रनों के रिकॉर्ड से केवल एक रन पीछे रह गए।

जिन्होंने 1991-92 सीज़न में मुंबई के खिलाफ दिल्ली के लिए 10वें विकेट के लिए 233 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी। तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन की 232 रन की पारी के दम पर मुंबई ने 569 रन का विशाल स्कोर बनाया और बड़ौदा के सामने 606 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा।

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इससे पहले चंदू सरवटे और श्युट बनर्जी ने हासिल की ये उपलब्धि

बता दें, प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में यह दूसरी बार है जब नंबर-10 और नंबर-11 बल्लेबाजों ने शतक लगाया है। इससे पहले 1946 में ओवल में सरे बनाम इंडियंस मैच के दौरान चंदू सरवटे (Chandu Sarwate) और शुट बनर्जी (Shute Banerjee ) यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली जोड़ी थी।

चंदू सरवटे और शुट बनर्जी ने क्रमश: 124 और 121 रनों की पारी खेलकर इतिहास रचा था। दोनों के बीच 249 रन की साझेदारी हुई थी। इसी के साथ ही यह जोड़ी नंबर 10 और नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए फर्स्ट क्लास सेंचुरी बनाने वाली दूसरी जोड़ी बन गई है।

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