Friday, December 20, 2024
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Ranchi land scam: ED का खुलासा, कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़, जमीन के 36 डीडी फर्जी

Ranchi Land Scam रांची: रांची के बहुचर्चित जमीन घोटाले में ईडी की जांच में फर्जीवाड़े के कई नये और चौंकाने वाले चैप्टर खुल रहे हैं। घोटालेबाजों ने आजादी के पहले के जमीन-जायदाद के कागजात और कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी डीड बनाये और उसके आधार पर रांची में करीब 100 एकड़ जमीन बेच दी।

मामले में ईडी ने की थी पूछताछ

फॉरेंसिक जांच में ऐसे 36 डीडी फर्जी पाए गए हैं। जिन दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया गया है, वे सभी भारत की आजादी यानी 1947 से पहले के हैं। ईडी के इस खुलासे के बाद कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। दरअसल, रांची में सेना के कब्जे वाली करीब साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान 13 अप्रैल को ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. करीबी रिश्तेदार। इसमें अफसर अली खान के ठिकाने से जमीन-जायदाद के 36 बैनामे बरामद हुए। सभी दस्तावेज कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय से संबंधित थे। इसी सिलसिले में ईडी ने पिछले मई महीने में कोलकाता के सब-रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से पूछताछ की थी।

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बढ़ा ईडी के जांच का दायरा

अब 36 जमीनों के बैनामे फर्जी पाए जाने के बाद ईडी की जांच का दायरा बढ़ गया है। माना जा रहा है कि फर्जी बैनामे के आधार पर 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की खरीद-बिक्री में हजारों करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. इसमें झारखंड से लेकर बंगाल तक के कई अधिकारी, प्रभावशाली लोग और जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े 100 से ज्यादा लोग ईडी की जांच के दायरे में आ सकते हैं।

गौरतलब है कि आजादी से पहले और बाद में कई वर्षों तक झारखंड-बिहार की जमीन की रजिस्ट्री बंगाल में होती थी. रांची जमीन घोटाले में ईडी ने अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन, कोलकाता के व्यवसायी और जगत बंधु टी एस्टेट के निदेशक दिलीप घोष और अमित अग्रवाल, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, राजस्व उपनिरीक्षक भानु शामिल हैं। रांची के बड़ागाईं अंचल के प्रताप प्रसाद. इन सभी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है।

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