राज्यपाल डेका ने कहा- बड़ा सपना देखने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करें शिक्षक

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रायपुर: राज्यपाल रमेन डेका (Governor Ramen Deka) और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) ने गुरुवार को शिक्षक दिवस (teacher’s Day) के अवसर पर राजभवन में आयोजित गरिमामय समारोह में वर्ष 2023-24 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया। राज्यपाल डेका ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उसे पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी दें।

राज्यपाल ने कहा- शिक्षा पद्धति में बदलाव जरूरी था

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों को वर्ष 2023-2024 के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य शिक्षक सम्मान वर्ष 2024-25 (State Teacher Honor Year 2024-25) के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की घोषणा की।

इस गरिमामय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल रामेन डेका ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रतिभाओं के विकास में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक समाज के प्रमुख नागरिक होते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव हो रहा है, जिसके परिणाम भी अच्छे होंगे। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में क्रांति हो रही है और शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति हो रही है। शिक्षक इस क्रांति का हिस्सा हैं। शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका बदला है, लेकिन इस बदलाव के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा।

शिक्षक ज्ञान और बुद्धि के स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक देश अपने लोगों जितना अच्छा होता है, उसी तरह उसके नागरिक भी अपने शिक्षकों जितने अच्छे होते हैं। इसलिए बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए बहुत कुछ शिक्षकों पर निर्भर करता है। मैं सभी शिक्षकों को उनके जुनून, समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान के लिए सलाम करता हूं। राज्यपाल डेका ने कहा कि शिक्षण सभी व्यवसायों की जननी है। शिक्षक दिवस हमें भावी पीढ़ियों को और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने और हमारे देश को मानव कल्याण के प्रति उच्च संवेदनशीलता के साथ एक उन्नत और विकसित राष्ट्र बनाने की जिम्मेदारियों और प्रतिबद्धताओं की याद दिलाता है।

बच्चों को मिल रही बेहतरीन शिक्षाः सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत में शिक्षक दिवस का जो उत्साह और महत्व है, वह शायद ही कहीं और देखने को मिले। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती को हम सभी शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। शिक्षकों ने हमेशा देश को नई दिशा दिखाई है। भले ही आज इंटरनेट की दुनिया में एक क्लिक पर ज्ञान उपलब्ध है, लेकिन अनुभवजन्य ज्ञान, संस्कारित शिक्षा, जीवन जीने की कला, कौशल, श्रेष्ठ शैली की शिक्षा विद्यालयों में शिक्षकों के माध्यम से ही संभव है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी जरूरत को समझा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आए। इस नीति के माध्यम से हमारी शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की संभावना बनी है, जिसमें लोकल फॉर वोकल तक का ज्ञान, सीख और समझ शामिल की गई है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी क्रियान्वयन किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हमने प्रदेश में 9438 बालवाड़ियां शुरू की हैं। हमने 18 स्थानीय भाषाओं में शिक्षा शुरू की है। इसके लिए किताबें बन चुकी हैं और शिक्षक इसे पढ़ा रहे हैं। बच्चों की नींव तैयार करने में यह बहुत जरूरी है। शिक्षा के जरिए नक्सलवाद का अंधेरा दूर होने के साथ ही बस्तर में शिक्षा का उजाला भी तेजी से फैल रहा है। बस्तर में सालों से बंद 29 स्कूल फिर से खुल गए हैं।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आधुनिक समय एआई और रोबोटिक्स का है। हमारे बच्चे भी इसमें पीछे नहीं रहेंगे। हमने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के लिए स्कूलों में रोबोटिक्स और एआई की पढ़ाई भी शुरू की है। हम नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बिना ब्याज के शिक्षा ऋण दे रहे हैं। हम हाईटेक स्कूल तैयार कर रहे हैं।

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