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Ram Navami: जानें क्यों मनाई जाती है राम नवमी, पूजा का विधान व मुहूर्त

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नई दिल्लीः चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल राम नवमी (Ram Navami) हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहा है, वहीं 30 मार्च को राम नवमी मनाई जाएगी। इस दिन श्री राम का जन्म हुआ था। भगवान विष्णु के सातवे अवतार श्रीराम ने रावण का संहार करने के लिए इस धरती पर अवतरित हुए थे। इनके पिता राजा दशरथ व माता कौशल्या थीं।

हिंदू धर्म में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ लोग व्रत रखकर श्रीराम की आराधना करते हैं। श्रीराम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है और यह दिन उन्हें समर्पित है। इतना ही नहीं, चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी दिन श्रीराम का जन्म हुआ था और तब से राम नवमी का पर्व मनाया जाता है।

क्यों मनाई जाती है राम नवमी (Ram Navami Kyu Manaya Jata Hai) –

हिंदू पुराणों के अनुसार, राजा दशरथ की तीन रानियां थीं। लेकिन लंबे समय तक उन्हें पुत्ररत्न की प्राप्ति नहीं हुई थी। इसलिए राजा काफी परेशान रहते थे। उन्होंने अपनी समस्या ऋषि वशिष्ठ से बताई और समाधान निकालने के लिए कहा। इस पर ऋषि ने राजा को पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। राजा ने ऐसा ही किया। यज्ञ के बाद ऋषि वशिष्ठ ने राजा को प्रसाद के रूप में खीर दी और इसे अपनी तीनों रानियों को ग्रहण करने के लिए कहा। रानियों ने खीर खा ली और इसके बाद तीनों रानियों ने गर्भधारण किया। नौ महीने बाद चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को तीनों रानियों ने पुत्रों को जन्म दिया। रानी कौशल्या ने राम, केकई ने भरत व सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों लक्ष्मण व शत्रुघ्न को जन्म दिया। नवमी को श्रीराम के जन्म के कारण ही यह दिन रामनवमी का महापर्व मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 30 मार्च को पड़ रही है।

इस दिन करें शुभ कार्यों की शुरुआत –

श्रीराम के भक्त धूम-धाम से इस पर्व को मनाते हैं। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी रह रहे श्रीराम के अनुयायी इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कोई भी कार्य इस दिन से शुरू करने पर उसका फल शुभ ही होता है। राम नवमी का पर्व हिंदुओं के आराध्य श्रीराम से जुड़ा हुआ है और यह दिन हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। इस दिन लोग गृह प्रवेश या किसी अच्छे कार्य की शुरुआत करते हैं।

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श्रीराम ने की थी मां दुर्गा की उपासना –

चैत्र माह की नवरात्रि व राम नवमी आपस में जुड़े हैं। नवरात्रि का समापन राम नवमी को होता है। कहा जाता है कि माता सीता को लंका से लाने से पहले श्रीराम ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की थी। मां दुर्गा शक्ति की देवी मानी जाती हैं और उनकी उपासना से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें असीम शक्तियां प्रदान की थीं। जिसके परिणामस्वरूप श्रीराम ने लंका दहन करके रावण के अहंकार को चूर किया।

इस समय पूजा करना रहेगा शुभ (Ram Navami Puja Muhurat) –

चैत्र मास की नवमी तिथि 29 मार्च, दिन बुधवार को रात 09ः07 मिनट से शुरू हो जा रही है, जो 30 मार्च, दिन गुरुवार को रात 11ः30 मिनट तक रहेगी। इस दौरान अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा। अभिजीत मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 11ः17 मिनट से दोपहर 1ः46 तक रहेगा।

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