Ram Janmabhoomi: प्रथम तल पर होगा राम दरबार, 70 फीसदी हिस्सा हरियाली के लिए

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Ram Janmabhoomi: श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान राम अपने बाल स्वरूप में विराजमान होंगे। मंदिर तीन मंजिला होगा। प्रथम तल पर राम दरबार होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंदिर निर्माण से जुड़ी यह जानकारी साझा की। इसमें मंदिर की विशेषताओं के साथ-साथ मंदिर में भक्तों की क्षमता के बारे में भी जानकारी दी गई है।

दीवारों पर उकेरी जा रहीं मूर्तियां

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम जन्मभूमि मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया जा रहा है। मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम तक) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। मंदिर तीन मंजिला होगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार होंगे। मंदिर में 5 मंडप होंगे- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। खंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। मंदिर में प्रवेश सिंहद्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर पूर्व दिशा से होगा।

मंदिर के चारों ओर आयताकार दीवार होगी। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी। पार्क के चारों कोनों पर सूर्य देव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिर बनाए जाएंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर होगा। मंदिर के पास प्राचीन काल का सीताकूप मौजूद होगा। मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।

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दक्षिण-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। वहां जटायु की प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटा रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) बिछाया गया है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है। मंदिर को मिट्टी की नमी से बचाने के लिए ग्रेनाइट से 21 फुट ऊंचा चबूतरा बनाया गया है। मंदिर परिसर में स्वतंत्र सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, जल उपचार संयंत्र, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था और स्वतंत्र बिजली स्टेशन का निर्माण किया गया है ताकि बाहरी संसाधनों पर निर्भरता कम से कम हो।

दर्शनार्थी सुविधा केंद्र की क्षमता होगी 25 हजार

25,000 की क्षमता वाले आगंतुक सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां आगंतुकों के सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा सुविधाएं होंगी। मंदिर परिसर में बाथरूम, शौचालय, वॉश बेसिन, नल आदि की भी सुविधा होगी। मंदिर का निर्माण पूरी तरह से भारतीय परंपरा के अनुसार और स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्रफल में से 70 प्रतिशत क्षेत्र हमेशा हरा-भरा रहेगा।

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