नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को तटरक्षक मुख्यालय में 41वें कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने तटरक्षक कमांडरों से राष्ट्रीय और समुद्री सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। 26 सितंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में कमांडर भारत सरकार के विजन के अनुरूप ‘मेक इन इंडिया’ पहल के जरिए स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए तैयार आईसीजी परियोजनाओं का मूल्यांकन करेंगे।
सुरक्षा को लेकर होगा मंथन
रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय और समुद्री सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर तटरक्षक एडीजी एस परमेश और अन्य वरिष्ठ तटरक्षक कमांडरों से बातचीत की। यह शीर्ष वार्षिक सम्मेलन तटरक्षक के वरिष्ठ कमांडरों के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक मामलों पर सार्थक चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा। यहां सभी भू-राजनीतिक परिदृश्यों और समुद्री सुरक्षा की जटिलताओं की पृष्ठभूमि में मंथन होगा। यह सम्मेलन आईसीजी के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सम्मेलन के दौरान आईसीजी कमांडरों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ-साथ चीफ ऑफ नेवल स्टाफ और इंजीनियर-इन-चीफ से बातचीत करने का भी मौका मिलेगा।
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बुनियादी ढांचे को मिलेगा बढ़ावा
सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा के पूरे क्षेत्र में सेवाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना होगा। साथ ही भारतीय तटरक्षक बल और इसके बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सम्मेलन में पिछले वर्ष किए गए प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक पहलों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा कमांडर समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मील के पत्थरों पर चर्चा करेंगे।
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