राजगढ़: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राजगढ़ महेशकुमार माली की अदालत ने शनिवार को नकली नोट मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक जे।पी।शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 अक्टूबर 2018 को मुखबिर की सूचना पर भोजपुर थाने की पुलिस टीम ने ग्राम डुंगरी जोड़, सुशील के पास घेराबंदी की।
अल्टो कार में विश्वकर्मा, नासिर खान। और रामबाबू मीना को पकड़ लिया, जिसकी जेब से दो हजार और 500 के नकली नोट मिले, साथ ही सुशील और नासिर के कब्जे से 32 बोर की पिस्टल और जिंदा कारतूस मिले। पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि होंशगाबाद के बाबई में उनके साथी रईस और संतोष राणा ने लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से नकली नोट छापे थे, जिन्हें भोपाल निवासी मुश्ताक को पहुंचाना था, साथी मुन्ना उर्फ वीरेंद्र पटेल भी चलाने गया है 70 नकली नोट। पुलिस टीम ने बाबई से रईसखान और संतोष राणा को नकली नोट और छपाई सामग्री के साथ गिरफ्तार किया।
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पूछताछ करने पर आरोपियों ने नाजिम नाम के व्यक्ति का नाम बताया, जिसके पास 2000 और 500 रुपये के नकली नोट थे। सुनवाई के दौरान साक्ष्यों और साक्ष्यों के आधार पर सुशील विश्वकर्मा निवासी बाबई, नसीरखान निवासी नरसिंहगढ़, रामबाबू को गिरफ्तार किया गया। मीना निवासी छतरपुरा थाना कुरावर, रईस खान, संतोष राणा निवासी कुरावर, मुस्ताक उर्फ सैयद आफताव अली निवासी भोपाल, नाजिम उर्फ नाज मोहम्मद निवासी सीहोर, मुन्ना उर्फ वीरेंद्र निवासी होशंगाबाद को दस साल की सजा सुनाई गई है।
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