जयपुरः राज्यसभा चुनाव के मतदान के दौरान भाजपा का एक वोट खारिज हो सकता है।धौलपुर से भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने वोट डालने में गलती कर दी है। चर्चा है कि शोभा रानी ने भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी की जगह कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दे दिया है। भाजपा भी मान रही है कि शोभा रानी के वोट में गड़बड़ी हुई है। भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी को निर्दलीय सुभाष चंद्रा को वोट डालना था, लेकिन बताया जा रहा है कि वो घनश्याम तिवारी को अपना वोट दे गईं। फिलहाल राज्यसभा के चुनाव के लिए विधायकों की वोटिंग खत्म हो गई है। अब 5 बजे के बाद परिणाम आएंगे।
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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने स्वीकार किया है कि एक विधायक से वोट देने में गलती हुई है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के दो वोट खारिज हो सकते हैं। शोभारानी कुशवाह के अलावा बांसवाड़ा के गढ़ी से भाजपा विधायक कैलाश चंद मीणा से भी वोट डालने में गलती हुई है। उनका वोट खारिज हो सकता है, सीसीटीवी देखकर इसका फैसला होगा। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि मीणा ने पोलिंग एजेंट को दिखाकर वोट डाला है। इस मामले में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और डोटासरा के बीच तीखी बहस हुई है।
राज्यसभा चुनाव की वोटिंग शुरू होते ही पहला वोट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डाला। सीएम के बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायक व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने वोट किया। कांग्रेस और बीजेपी के विधायक वोटिंग के लिए लाइन में लग गए। दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने विधायकों को एरर फ्री वोटिंग के लिए हिदायतें दी हैं। बगावत और हॉर्स ट्रेडिंग के डर से पहली बार राज्यसभा चुनाव में नेटबंदी की गई। शुक्रवार सुबह 9 बजे से विधानसभा में वोटिंग शुरू हुई। यह 4 बजे तक चलेगी। कांग्रेस-बीजपी विधायक बाड़ेबंदी से निकलकर लग्जरी बसों में विधानसभा पहुंचे। सीएम अशोक गहलोत खुद पोलिंग एजेंट बने हैं, इसलिए हर कांग्रेस विधायक वोट देने के बाद सीएम को बैलेट दिखा रहे हैं। कांग्रेस के 108 विधायक गहलोत को वोट दिखाएंगे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीएम गहलोत के रिलीविंग पोलिंग एजेंट बने हैं, ऐसे में ये दोनों नेता ही वोट देख रहे हैं।
बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायक राजेंद्र गुढ़ा, संदीप यादव, वाजिब अली, लाखन सिंह मीणा, जोगिंदर अवाना और दीपचंद खैरिया भी राज्यसभा चुनावों में वोटिंग कर चुके हैं। सीएम के बाद इन्हीं छहों विधायकों ने वोट डाले। कांग्रेस ने रणनीति के तहत ऐसा किया है। बसपा मूल के छह विधायकों को वोटिंग से रोकने की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होती, इससे पहले ही इन विधायकों ने वोट डाल दिए। याचिका जयपुर के एडवोकेट हेमंत नाहटा ने लगाई है। यह राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय व भाजपा समर्थित प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के पक्ष के बताए जाते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव की वोटिंग शुरू होते ही भाजपा को चुनौती दी है। गहलोत ने कहा कि फिर कहूंगा हम आराम से तीनों सीट जीत रहे हैं। उनको अपना घर संभालना चाहिए क्योंकि भगदड़ मची हुई वहां पर है। इन्होंने जिस प्रकार से दूसरा उम्मीदवार खड़ा किया, उसको उनकी पार्टी के विधायकों ने ही लाइक नहीं किया। अनावश्यक हॉर्स ट्रेडिंग से दूसरा उम्मीदवार जीतने की क्या तुक थी? पूरे प्रदेश में इसका रिएक्शन है। अनावश्क चुनाव करवा दिए, वरना चारों सीटें, तीन हमारी, एक बीजेपी की आराम से जीतती। ऐसे एक्ट को कोई लाइक नहीं करता। पहले भी इन्होंने ऐसे ही किया था पिछले चुनाव में, वहां भी मात खानी पड़ी इन लोगों को, अब फिर इस बार ये लोग मात खाएंगे।
राज्यसभा की चार सीटों पर वोटिंग से पहले उदयपुर से कांग्रेस विधायकों काे जयपुर के होटल लीला में शिफ्ट किया गया। कांग्रेस 126 विधायकों के वोट का दावा कर रही है, लेकिन 10 दिन से चल रही बाड़ेबंदी की आखिरी रात तक उनका असंतोष बना रहा। होटल में कांग्रेस खेमे के सभी विधायक पहुंच तो गए लेकिन रात 12:30 बजे तक असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कवायद चलती रही। दूसरी तरफ भाजपा विधायकों की बाड़ेबंदी वाले क्षेत्र में इंटरनेट बंद करने पर सियासी विवाद हो गया है। बसपा और बीटीपी ने व्हिप जारी कर विधायकों को वोटिंग से गैर हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं। बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने व्हिप जारी करके बसपा मूल के सभी छहों विधायकों को वोटिंग से गैरहाजिर रहने के निर्देश दिए थे। उधर, बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने भी पार्टी के दोनों विधायकों को व्हिप जारी कर वोटिंग से दूर रहने के निर्देश दिए थे।
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