पेपर लीक का केंद्र बनता जा रहा राजस्थान, 4 साल में अब तक इतनी परीक्षाएं हो चुकी हैं रद्द

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जयपुरः राजस्थान पेपर लीक का केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में एक के बाद एक परीक्षाएं लीक हो रही है। जो अब भी एक रहस्य बना हुआ है। राजस्थान में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब इंटरनेट निलंबन के दौरान भी पेपर लीक की सूचनाए मिली। दरअसल सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा इस साल जनवरी में दर्ज 21.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ मरुस्थलीय राज्य बेरोजगारी सूचकांक में दूसरे स्थान पर है।

उच्च बेरोजगारी दर के साथ राज्य में कुछ वर्षों में अपराध भी बढ़ा है। राजस्थान में 2019 के बाद से हर साल औसतन तीन परीक्षाएं लीक हुए हैं। इससे लगभग 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने पाया कि लीक हुए प्रश्नपत्रों को 5 से 15 लाख रुपये में बेचा गया था। हाल ही में गिरफ्तार किए गए पेपर लीक मास्टरमाइंड भूपेंद्र सरन ने पेपर खरीदने के लिए एक स्कूल टीचर को 40 लाख रुपये दिए, जिसे प्रति छात्र पांच लाख रुपये में बेचा गया। राज्य में 2011 से 2022 के बीच पेपर लीक के करीब छब्बीस मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 14 मामले पिछले चार सालों में सामने आए हैं। राज्य तेजी से भारत की पेपर लीक राजधानी बनता जा रहा है।

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पेपर लीक के कारण रद्द की गई परीक्षाओं में ग्रेड- III लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा है, जिसे दिसंबर 2019 में लीक हुए प्रश्न पत्र के कारण रद्द कर दिया गया था। इसने लगभग 55 हजार उम्मीदवार प्रभावित हुए, जिन्होंने 700 रिक्त पदों के लिए आवेदन किया था। फिर राज्य में  सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र सितंबर 2021 में लीक हो गया। इस मामले में बीकानेर पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था।

उसी महीने रीट-लेवल एक और दो परीक्षाओं के दौरान नकल को रोकने के लिए पूरे राजस्थान में इंटरनेट बंद कर दिया गया था। हालाँकि, चार महीने के विरोध और आरईईटी-स्तर II परीक्षा में कमियों के आरोपों के बाद, परीक्षा रद्द कर दी गई थी। कांग्रेस सरकार उस समय शर्मसार हो गई जब पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों में से एक जयपुर परीक्षा समन्वयक था और परीक्षा से कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग के कार्यालय से प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इससे पहले, अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया था। लगभग 31 हजार से अधिक रिक्त पदों के लिए 25 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने रीट-लेवल एक और दो परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था।

मई 2022 की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए सरकार ने मोबाइल फोन जैमर लगाने और परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक पहचान शुरू करने पर राज्य सरकार को एक बार फिर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। लेकिन पेपर लीक हो गया। इसका पहला पेपर लीक होने के बाद यह परीक्षा फिर से कराई जा रही थी। इससे करीब 1.6 लाख छात्र प्रभावित हुए थे।

जनवरी 2022 में, बीजेपी ने पेपर लीक में राजीव गांधी स्टडी सर्कल पर आरोप लगाया। इसके संरक्षक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। चूंकि कोचिंग सेंटरों से जुड़े लोगों की संलिप्तता की राज्य सरकार ने आलोचना की थी, बाद में जयपुर में एक बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर भेजा गया था, जहां एक निजी कोचिंग संस्थान सुरेश ढाका और भूपेंद्र सरन द्वारा चलाया जा रहा था, जो इस मामले के दो मुख्य आरोपी हैं। इस बुलडोजर की कार्रवाई की आलोचना हुई, क्योंकि गहलोत ने भाजपा शासित राज्यों में इसी तरह की कार्रवाइयों की आलोचना की थी।

इसके बाद, गहलोत सरकार ने पिछले साल मार्च में कठोर राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए उपाय) विधेयक, 2022 पारित किया। इस कानून के तहत सभी अपराध सं™ोय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय होंगे। 10 साल तक की कैद और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने के प्रावधानों के अलावा, यह जांच अधिकारियों को राज्य से पूर्व अनुमति के साथ अभियुक्तों की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार भी देता है।

राजस्थान बेरोजगार एककृत महासंघ ने कहा कि राज्य में करीब 25-30 लाख युवा सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे एसोसिएशन के अध्यक्ष उपेन यादव कहते हैं, ‘लगातार प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं से युवा काफी आक्रोशित और परेशान हैं. हम इन अपराधों में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास की मांग कर रहे हैं। अगर राज्य पुलिस जांच करने में विफल रहती है तो सरकार को इन मामलों को सीबीआई को सौंप देना चाहिए।

इस बीच, राजस्थान में शिक्षकों के लिए राजस्थान पात्रता परीक्षा (आरईईटी) शुरू होने से पहले ही पेपर लीक की एक श्रृंखला के बीच, एक पेपर हल करने वाला गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद राज्य सरकार को एक बार फिर शमिर्ंदगी का सामना करना पड़ा। इनमें 19 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं, इन सभी को हिरासत में ले लिया गया है। उनके पास से मिले प्रश्न पत्रों की जांच की जा रही है। ताजा लीक के बाद आनन-फानन में सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। जयपुर में भी डमी अभ्यर्थियों के पकड़े जाने की खबरें आ रही हैं।

पेपर लीक के कारण रद्द की गईं ये परीक्षाएं:

  • लाइब्रेरियन भर्ती 2018 – पेपर लीक होने के कारण दिसंबर 2019 में होने वाली भर्ती परीक्षा रद्द।
  • जेईएन सिविल डिग्री 2018-दिसंबर 2020 की परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दी गई।
  • आरईईटी लेवल-2 2021 – सितंबर 2021 में हुई यह भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के करीब चार महीने बाद रद्द।
  • कांस्टेबल भर्ती – मार्च 2018 परीक्षा का पेपर लीक, परीक्षा रद्द।
  • कांस्टेबल भर्ती 2022 – मई 2022 में दूसरी पाली का पेपर हुआ लीक, पेपर रद्द और दोबारा परीक्षा।
  • हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती – मार्च 2022 में भर्ती परीक्षा का पेपर लीक, परीक्षा रद्द।
  • एसआई भर्ती 2022 – पेपर लीक मामले में 12 लोग गिरफ्तार
  • चिकित्सा अधिकारी 2021 – पहले दो बार की परीक्षा गड़बड़ी के चलते ऑनलाइन कराई गई। बाद में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की गई।
  • सीएचओ भर्ती 2022 – भर्ती के बाद पेपर लीक का मामला दर्ज।
  • वनरक्षक भर्ती 2020 – एक पाली का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल, परीक्षा रद्द, दोबारा परीक्षा।
  • बिजली विभाग तकनीकी हेल्पर भर्ती 2022 – छह केंद्रों पर परीक्षा रद्द।
  • द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 – सामान्य ज्ञान का पेपर लीक, परीक्षा रद्द।

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