1075 वर्ग किमी में फैला धौलपुर टाइगर रिजर्व
धौलपुर टाइगर रिजर्व में कुल बाघ आरक्षित क्षेत्र 1075 वर्ग किमी में फैला हुआ है। वर्तमान में यहां दो बाघ और तीन शावक हैं, जिनमें एक मादा एक नर शामिल हैं, जिनकी मूवमेंट पिछले दिनों ही दिखाई दी थी। धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व क्षेत्र रणथंभौर, रामगढ़ विषधारी, मुकुंदरा पहाड़ियों और मध्य प्रदेश और राजस्थान के अन्य संरक्षित क्षेत्रों से सटा हुआ है।
मुकुंदरा तक बनेगा टाइगर कॉरिडोर
इसके साथ ही धौलपुर टाइगर रिजर्व (Dholpur-Karauli tiger reserve ) बनने से धौलपुर-करौली, सवाई माधोपुर से लेकर रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा तक बाघ गलियारा बनेगा। इससे राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने धौलपुर-करौली के साथ कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कुम्भलगढ़ में 2766 वर्ग किमी में टाइगर रिजर्व बनाया जायेगा।
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विस्थापित परिवार को मिलेगा इतना मुआवजा
विस्थापन के लिए एनटीसीए की नई गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा राशि बढ़ा दी गई है। गांव के लोग विस्थापन के लिए स्वैच्छिक प्रक्रिया में आगे आएंगे और मुआवजा पैकेज उन्हें इस दिशा में लुभाएगा। विस्थापन के बाद ग्रामीणों के लिए दो पैकेज होंगे, नकद और जमीन। दोनों में से कोई भी पैकेज लिया जा सकता है, लेकिन इसका आधार 15 लाख रुपये पर ही आधारित होगा। परिवार में 18+ उम्र के सभी पुरुषों को 15 लाख की दर से मुआवजा मिलेगा। विस्थापित होने वाले परिवार को सरकार 15 लाख रुपये देगी। इसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को एक परिवार माना गया है। अगर एक परिवार में 4 लोग 18 साल से ऊपर हैं तो उन्हें मुआवजे के तौर पर 60 लाख मिलेंगे।
4 हजार परिवार होंगे विस्थापित
विस्थापन के दौरान करीब 4 हजार परिवारों के विस्थापन का कार्य किया जायेगा। हालांकि यह एक सतत प्रक्रिया है। जिसमें वर्षों तक कार्य किया जाएगा। सबसे पहले बाघ की आवाजाही वाले क्षेत्र में मानवीय गतिविधियां रोकी जाएंगी। सबसे पहले वहां के लोगों को विस्थापित किया जायेगा। जिसके लिए विभाग ने नक्शा तैयार कर लिया है।
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