Raipur: सीएम साय के फैसले से ग्रामीणों में खुशी, आवास मिलने की जगी आस

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रायपुर (Raipur): रायपुर जिले के पास स्थित टेकारी गांव के निवासी प्राकृतिक आपदाओं और बंदरों से होने वाली आपदाओं से परेशान हैं। बरसात के दिनों में इनके टूटे-फूटे मकानों की छत से पानी टपकने लगता है और बची-खुची कमी बंदरों की उछल-कूद से पूरी हो जाती है। घरों के रखरखाव का खर्च इन ग्रामीणों पर बहुत भारी पड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के 18 लाख से अधिक आवास स्वीकृत करने के फैसले के बाद टेकारी के ग्रामीणों में खुशी की लहर है।

मुख्यमंत्री के पक्के मकान उपलब्ध कराने के निर्णय के बाद रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के ग्राम टेकारी के हितग्राहियों में काफी उत्साह है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें भरोसा है कि अब हमारे पास भी पक्का मकान होगा. गांव के लाभार्थी मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने पहले प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका आवास स्वीकृत नहीं हुआ। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के फैसले के बाद अब मेरे पास भी स्थाई आवास होगा और मैं इस बात से बेहद खुश हूं।

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बरसात के दिनों में होती है परेशानी

इसी तरह गांव के एक अन्य हितग्राही टेकारी गांव के बस्ती पारा निवासी मुकेश धीवर का कहना है कि उनके घर में दस लोग रहते हैं। कच्चा घर होने के कारण बरसात के दिनों में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बारिश के कारण छत से पानी रिसने लगा और हमें सोने में परेशानी होने लगी। हम लोग पॉलीथिन का उपयोग कर किसी तरह छत की मरम्मत कर लेते थे, लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं होता था, लेकिन पक्के मकान बनने से हमें इस समस्या से राहत मिलेगी। उनकी मां श्रीमती सोनी धीवर कहती हैं कि अब मुझे लग रहा है कि हमें पक्के मकान में रहने को मिलेगा, जिससे बंदरों की उछल-कूद से घर की छत को होने वाले नुकसान से निजात मिल जायेगी।

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