Raipur: Chhattisgarh संस्कृति विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के बीच आज गुरुवार को “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” योजना के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत दोनों राज्य भारतीय एकता की भावना को मजबूत करने, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने, नवाचारों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
Raipur: जयवीर सिंह और योगेंद्र उपाध्याय रहे मौजूद
इस आपसी समझौते से उत्तर प्रदेश और Chhattisgarh के बीच सांस्कृतिक संबंधों का एक नया दौर शुरू होगा, जिसका लाभ दोनों राज्यों के कलाकारों को मिलेगा। दोनों राज्यों के सांस्कृतिक कलाकार राष्ट्रीय पर्वों के साथ-साथ दोनों राज्यों के स्थापना दिवस सहित अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर एक-दूसरे के राज्यों में प्रस्तुतियां देंगे। दोनों राज्यों के कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों को दोनों राज्यों की विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं के क्षेत्र में आपसी आदान-प्रदान का लाभ मिलेगा। दोनों राज्यों के बीच प्राचीन काल से स्थापित संबंध और मजबूत होंगे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय मौजूद थे।
मजबूत होगी भारत की एकता
Chhattisgarh सरकार संस्कृति विभाग की ओर से उप निदेशक डॉ. पीसी पारख मौजूद थे। मान्यता है कि Chhattisgarh रामायण काल की अयोध्या की महारानी और श्री राम की माता कौशल्या का मायका था। श्री राम ने अपने वनवास का अधिकांश समय इसी क्षेत्र में बिताया था। चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली, तुरतुरिया को लवकुश की जन्मस्थली और शिवरीनारायण को शबरी का आश्रम होने की मान्यता आज भी लोगों के बीच जीवित है।
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उल्लेखनीय है कि PM Modi ने 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल की घोषणा की थी। इस अभिनव उपाय के माध्यम से विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की संस्कृति, परम्पराओं और प्रथाओं के ज्ञान से राज्यों के बीच बेहतर समझ और सम्पर्क बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।
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