खेतों में अमृत बनकर गिरी बारिश की बूंदें, अन्नदाताओं के चेहरों पर खिली मुस्कान

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खूंटी : पिछले आठ-दस दिनों की उमस भरी गर्मी और तेज धूप ने जहां किसानों के चेहरे पर शिकन ला दी थी, वहीं सितंबर माह की शुरुआत में हुई झमाझम बारिश (Khunti rain) ने एक बार फिर किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। खूंटी जिले में दो सितंबर को 20 मिमी और तीन सितंबर को 26.5 मिमी बारिश (Khunti rain) हुई। कृषि मौसम विज्ञानियों ने 4 सितंबर को लगभग 15 मिमी बारिश (Khunti rain) की उम्मीद जताई है।

किसानों का कहना है कि धान के अलावा सब्जी, मडुआ, उड़द समेत अन्य फसलों के लिए यह बारिश अमृत के समान है। आषाढ़ और सावन के दो महीनों में भी भरपूर बारिश (Khunti rain) नहीं होने के कारण खेत सूखने लगे थे और किसानों के चेहरे भी मुरझाने लगे थे, लेकिन पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है। किसानों को उम्मीद है कि बारिश से धान के साथ-साथ अन्य फसलों का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।

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जिले में 90 फीसदी बारिश

आत्मा के उप परियोजना निदेशक अमरेश कुमार ने बताया कि खूंटी जिले में जून माह में 133.67 मिमी बारिश (Khunti rain) हुई, जबकि सामान्य बारिश 192..17 है। जुलाई माह में जिले में 334 मिमी के विरुद्ध 109.38 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी है। अगस्त में सामान्य बारिश 342 मिमी की तुलना में 309.30 मिमी बारिश हुई। आत्मा के उप परियोजना निदेशक के अनुसार खूंटी जिले में 65 हजार हेक्टेयर खेतों में धान रोपने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड धान 15400 हेक्टेयर एवं छिटकवां विधि से 29600 हेक्टेयर धान लगाने का लक्ष्य है। उपनिदेशक ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की सलाह दी है, ताकि अधिक उपज प्राप्त हो सके।

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