Pokhara Airport Raid: पोखरा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने वाली चीनी कंपनी पर भ्रष्टाचार के आरोप में छापा मारा गया है। छापेमारी के बाद वहां काम करने वाले कर्मचारियों के बैंक खाते सील कर दिए गए हैं। कंपनी में लगातार वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ घटिया काम के पुख्ता सबूत मिलने के बाद यह छापेमारी की गई है।
कमीशन मांगने की मिली थी शिकायत
नेपाल में भ्रष्टाचार मामले की जांच करने वाले ‘अख्तियार मिसयूज रिसर्च कमीशन’ ने मंगलवार को पोखरा एयरपोर्ट के दफ्तर पर छापेमारी की पुष्टि की है। आयोग के प्रवक्ता भोला दहल ने बताया कि पोखरा एयरपोर्ट का निर्माण करने वाली चीनी कंपनी सीएएमसी इंजीनियरिंग के कार्यालय पर छापा मारा गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी में लगातार वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ घटिया काम के पुख्ता सबूत मिलने के बाद छापेमारी की गयी है। दरअसल, पोखरा एयरपोर्ट का काम छोटे ठेकेदारों को देने में कमीशन मांगे जाने और पुराने कामों के भुगतान के बदले कमीशन मांगे जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
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जांच के दौरान एब्यूज रिसर्च कमीशन की टीम निर्माण की गुणवत्ता से संबंधित फाइल भी अपने साथ ले गयी है। पोखरा हवाईअड्डा, जिसका उद्घाटन 1 जनवरी, 2023 को हुआ था, को अपने रडार और वीएचएफ सिस्टम में कई समस्याओं के कारण विमानों को बीच में ही वापस करना पड़ा है। इसी तरह एयरपोर्ट में लगे कई अन्य उपकरणों में भी खराबी की शिकायतें मिल रही हैं।
244 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो चुके हैं खर्च
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी के बाद कंपनी में काम करने वाले चीनी और नेपाली कर्मचारियों के बैंक खाते सील करने के लिए संबंधित बैंकों को पत्र भेजा गया है। ईपीसी मॉडल पर बने पोखरा एयरपोर्ट के निर्माण पर अब तक कुल 244 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च हो चुके हैं। इसके लिए नेपाल सरकार ने चीन के एक्जिम बैंक से 137.87 करोड़ युआन का कर्ज लिया है। चीन कई बार इस एयरपोर्ट को BRI प्रोजेक्ट होने का दावा कर चुका है, जबकि नेपाल सरकार हमेशा इस बात से इनकार करती रही है।
पोखरा एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के करीब एक साल बाद भी नेपाल की ओर से चीन से लिए गए कर्ज का ब्याज अभी तक नहीं चुकाया गया है। इसके लिए चीन की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने के बावजूद अब तक नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित नहीं हो सकी हैं। चीन इस एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी लेने के लिए नेपाल पर लगातार दबाव बना रहा है।
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