जयपुरः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू और हिंदुत्ववादी में फर्क होता है। हिंदू सत्य को ढूंढता है। पूरी जिंदगी सच को ढूंढने में निकाल देता है। जबकि, हिंदुत्ववादी पूरी जिंदगी सत्ता को ढूंढने और सत्ता पाने में निकाल देता है। राहुल गांधी रविवार दोपहर जयपुर के विद्याधरनगर स्टेडियम में आयोेजित कांग्रेस की महंगाई हटाओ महारैली को संबोधित कर रहे थेे। उन्होंने कहा कि एक शब्द हिंदू, दूसरा शब्द हिंदुत्ववादी। मैं हिदू हूं लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हूं। राहुल गांधी ने कहा कि आप सब हिंदू हो, हिंदुत्ववादी नहीं। ये देश हिंदुओं का है, हिंदुत्ववादियों का नहीं।
केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 700 किसान शहीद हुए, यहां हमने दो मिनट मौन रखा, संसद में मौन रखने नहीं दिया। पंजाब के सीएम चन्नी से पूछिए, चार सौ किसानों को पंजाब की सरकार ने 5 लाख रुपए दिए। उनमें से 152 को रोजगार दिला दिया है, बाकी को देने जा रहे हैं। देश की सरकार कहती है कि कोई किसान शहीद ही नहीं हुए।
मैं हिंदू और हिंदुत्ववादी में फर्क समझाता हूं।
— Congress (@INCIndia) December 12, 2021
मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हूं।
महात्मा गांधी हिंदू हैं और गोडसे हिंदुत्ववादी: श्री @RahulGandhi #हिन्दू_हूँ_हिंदुत्ववादी_नहीं pic.twitter.com/EB079c44Kp
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और भाजपा की रीति-नीति पर बोला हमला
रैली में एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार और भाजपा की रीति-नीति पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता के लिए काम नहीं कर रही है। यह सिर्फ गिने-चुने उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। भाजपा कहती है कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। मैं चुनौती देती हूं कि एक कोई संस्थान ऐसा बता दे, जो शिक्षा के लिए भाजपा ने इन सात सालों में बनाया है। प्रियंका ने कहा कि जब चुनाव आता है तो भाजपा के लोग जाति, धर्म, चीन-पाकिस्तान की बात करने लगते हैं। जब चुनाव हों तो कार्यकर्ता इस भाजपा की सरकार से जवाब मांगें। उनसे पूछें कि आपने लोगों के लिए क्या किया है? उन्होंने कहा कि यह लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वह भाजपा सरकार से जवाब मांगें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
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उन्होंने कहा कि तमाम राज्य सरकारें वित्तीय संकट में हैं, केंद्र चुप है। विकास होगा तो राज्य सरकारें करेंगी। संकट आएगा, राज्य पार पा सकते हैं। कोरोना का संकट आया, इसमें राजस्थान सिरमौर रहा। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब नहीं देते हैं। यह सरकार घमंड से चल रही है। रैली में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और अन्य सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुई थीं लेकिन उन्होंने संबोधन नहीं दिया। राहुल गांधी का संबोधन समाप्त होनेे के बाद उन्होेंनेे इसके लिए साफ मना कर दिया। इससे पहले बीवी श्रीनिवासन, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कई वक्ताओें ने संबोधन दिया।
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