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मुझे मारो-पीटो, जेल में डालो.. मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, सांसदी जाने पर पहली बार बोले राहुल गांधी

rahul-gandhi-disqualified नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद वह पहली बार शनिवार को मीडिया से मुखातिब हुए। दरअसल मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। उधर कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर इमरजेंसी बैठक भी की है। जिसमें सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी भी मौजूद रही। ये भी पढ़ें..DA Hike: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ता 4% बढ़ा, कैबिनेट ने दी मंजूरी वहीं लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी आज कांग्रेस मुख्यालय में पहली बात मीडिया से सामने आए। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने ये भी कहा, "मुझे मारो-पीटो, जेल में डालो, फर्क नहीं पड़ता, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।" राहुल गांधी कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं कि देश में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। इसके उदाहरण हम आए दिन देख रहे हैं। मैंने संसद में पीएम मोदी और अडानी के रिश्तों को लेकर सवाल पूछा। अडानी को नियमों में बदलाव करके एयरपोर्ट दिए गए, इसपर मैंने संसद में बात की।” उन्हेंने आगे कहा, “संसद में दिया गया मेरा भाषण हटा दिया गया और बाद में मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक विस्तृत उत्तर लिखा। कुछ मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी। लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, मैं पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते पर सवाल उठाता रहूंगा। मैंने अडानी पर सिर्फ एक ही सवाल पूछा था। मैं सवाल पूछता रहूंगा और भारत में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ता रहूंगा।” राहुल गांधी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं ने बैठक कर सांसदी छिनने के फैसले के खिलाफ देशभर में जन आंदोलन करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। हालांकि कांग्रेस इस कदम को सियासी बता रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने अडानी समूह पर लगे आरोपों के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की। वह लगातार जन मुद्दों को उठा रहे थे। यह बात केन्द्र सरकार को पसंद नहीं आ रही थी। इसलिए केन्द्र सरकार ने उन्हें संसद से बेदखल करा दिया है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)