नाक रगड़कर माफी मांगें…’हिंदू’ वाले बयान पर चौतरफा घिरे राहुल गांधी, संतों ने भी खोला मोर्चा

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Rahul Gandhi Lok Sabha Speech, भोपालः संसद में राहुल गांधी द्वारा दिए गए ‘हिंदू’ वाले बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। उज्जैन में दिगंबर अखाड़े के साधु-संतों ने मंगलनाथ मंदिर रोड पर एकत्र होकर नारेबाजी की। उन्होंने राहुल गांधी से माफी मांगने और बयान वापस लेने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर वे प्रदर्शन करेंगे। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी को नाक रगड़कर माफी मांगनी चाहिए।

संसद में Rahul Gandhi ने क्या कुछ कहा-

दरअसल, राहुल गांधी  ने संसद में कहा कि मोदी जी ने एक दिन अपने भाषण में कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। इसका कारण है। ये देश अहिंसा का देश है, ये देश भय का देश नहीं है। हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा की बात की। भय को मिटाने की बात की। डरो मत, दूसरों को डराओ मत।

दूसरी तरफ शिवजी कहते हैं डरो मत, दूसरों को डराओ मत। वो एक मुद्रा दिखाते हैं, अहिंसा की बात करते हैं। अपना त्रिशूल जमीन में गाड़ देते हैं। जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा की बात करते हैं…नफरत, नफरत, नफरत…झूठ, झूठ, झूठ…आप बिल्कुल भी हिंदू नहीं हैं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए। सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा हमारा प्रतीक है।

नाक रगड़कर माफी मांगनी चाहिए-सीएम मोहन

इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार शाम मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल के बयान से पूरा हिंदू समाज शर्मिंदा है। हिंदुओं को हिंसक कहना उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। देश में विपक्ष का नेता अगर हिंदुओं को शर्मिंदा करेगा तो वह इसे कैसे बर्दाश्त कर सकता है। इस कारण राहुल गांधी को नाक रगड़कर माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी को इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे हिंदू होने पर गर्व है, जो हिंदू है, वह हिंदू होने पर गर्व करता है। ऐसे में राहुल गांधी के बयान से सबकी भावना आहत हुई है। उनको तुरंत माफी मांगनी चाहिए और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राहुल गांधी से तुरंत इस्तीफा मांगना चाहिए।

भारत में नहीं चलेगी इटली की मानसिकता: सारंग

इस बीच, प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बयान न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि शर्मनाक भी है। चुनाव के दौरान राहुल गांधी हिंदू वोटों के लिए खुद को हिंदू दिखाने के लिए जनेऊ पहनते हैं और जब लोकसभा में पहुंचते हैं, तो हिंदू धर्म और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं। यह इटालियन मानसिकता भारत में नहीं चलेगी।

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इस बीच, उज्जैन में दिगंबर अखाड़े के संत सोमवार शाम मंगलनाथ मंदिर रोड पर एकत्र हुए और राहुल गांधी के बयान का विरोध किया। अखाड़े के महंत शिवदास त्यागी ने कहा कि राहुल गांधी हिंदुओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। सभी को राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बहिष्कार करना चाहिए। अगर 20 लाख नागा साधु सड़क पर आ जाएं, तो कांग्रेस को भागने की जगह नहीं मिलेगी।

संतों ने भी खोला मोर्चा

कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। नहीं तो संत समाज सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा। अखाड़े के विनय दास महाराज ने कहा कि महाकाल की सवारी पर पत्थर कौन फेंकता है? क्या सनातनियां ऐसी हरकतें करती हैं? अखाड़े के संत मुनीशरण दास त्यागी ने कहा कि राहुल ने ऐसा बयान देकर अपराध किया है। हम इसकी निंदा करते हैं। आम आदमी को भी इसका विरोध करना चाहिए।

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