Saturday, December 21, 2024
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‘पुष्कर पशु मेले’ का हुआ शुभारंभ, हर साल ऊंट-घोड़ों की बिक्री से होता है करोड़ों का कारोबार

Pushkar Mela , अजमेर: राजस्थान के अजमेर स्थित पुष्कर में शनिवार को पूजा-अर्चना और ध्वजारोहण के साथ ‘अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला’ शुरू हो गया। इस खास मौके पर स्कूली विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी। ढोल-नगाड़ों और शंखनाद के साथ मेले की शुरुआत हुई। मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में ‘कैमल मार्च’ भी निकाला गया, जिसमें ऊंट पालक अपने ऊंटों को सजा कर लाए थे।

Pushkar Mela: उद्घाटन कार्यक्रम में निकाला गया कैमल मार्च

राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जिला कलेक्टर लोक बंधु, एसपी वंदिता राणा ने पुष्कर के मेला मैदान में ध्वजारोहण किया और पुष्कर मेले का औपचारिक उद्घाटन किया। विश्व प्रसिद्ध ढोल वादक नाथूलाल सोलंकी ने अपने ढोल वादन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने भी ढोल बजाया। इसके बाद स्कूली विद्यार्थियों ने मेला मैदान में राजस्थानी गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इतना ही नहीं मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में ‘कैमल मार्च’ भी निकाला गया, जिसमें ऊंट पालक अपने ऊंटों को सजाकर लाए थे।

मेले के उद्घाटन भारी संख्या में विदेशी पर्यटक भी रहे मौजूद

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के उद्घाटन अवसर पर पुष्कर के मेला मैदान में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक मौजूद रहे। इस पर राजस्थान सरकार में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा, “पुष्कर पशु मेला आज से शुरू हो गया है। इसमें हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।

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इस मेले में बड़ी संख्या में ऊंट भी आते हैं। इसके अलावा देश-विदेश से पर्यटक भी आते हैं। इस मेले में भाग लेने के लिए दुनिया के अधिकांश देशों से लोग आते हैं। इस मेले में विभिन्न नस्लों के पशु भी आते हैं। ऐसे में आपको प्रकृति का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। साथ ही यहां हर साल ऊंट-घोड़ों की बिक्री से करोड़ों का कारोबार होता है।

सरकार दे रही पर्यटन को बढ़ावा

उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। मेले में आने वाले सभी पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। यह पशुओं का मेला है। जिसमें विभिन्न नस्लों के पशु शामिल होते हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में मेले में पशुओं की संख्या में कमी आई है। लेकिन, इस बार हमने मेले में पशुओं की संख्या बढ़ाने का पूरा प्रयास किया है। इस बार मेले में ‘कैमल शो’ का भी आयोजन किया गया है।

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