चंडीगढ़ः शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लुधियाना के एक आलीशान रिसॉर्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में शिक्षकों की एक बैठक हुई। बैठक के बाद लंच के लिए प्लेट लेने के लिए सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के बीच मारपीट (Teacher fight) हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो गया। शिक्षा विभाग ने राज्य भर के 2,600 से अधिक स्कूल प्रमुखों और जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। उनके परिवहन के लिए विभाग ने 57 वातानुकूलित बसों की व्यवस्था की थी।
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शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि बैठक नीति बनाकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षकों के सुझावों को सुनने के लिए बुलाई गई है। बैठक के बाद शिक्षक दोपहर के भोजन के लिए एक प्लेट हथियाने के लिए हंगामा करते हुए कैमरे में (Teacher fight) कैद हुए। स्कूल के प्रधानाध्यापकों को उनके कौशल को तेज करने के लिए विदेश भेजने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए, एक ट्वीट में कहा गया, “उन्हें शिक्षण प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने के बजाय, सरकार पहले उन्हें व्यक्तित्व कौशल की कक्षाएं दे। कल सीएम भगवंत मान से मुलाकात के बाद शिक्षकों का बेशर्म लंच ब्रेक।”
एक और ट्वीट में लिखा गया लगता है कि वे कई दिनों से भूखे मर रहे हैं या शायद एक मुफ्त लंच मिस नहीं करना चाहते थे। एक व्यक्ति ने लिखा है कि भगवंत मान ने गुरुओं की लंगर प्रथा से भी शायद कुछ नहीं सीखा है। किस तरह से परशादे (खाना) संगत में बरताए जाते हैं। उसी प्रथा का अनुसरण किया होता तो कम से कम ऐसा घटिया मंजर देखने को न मिलता।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि जिस देश की शिक्षा प्रणाली बेहतर होगी उस देश में पंजाब के अध्यापकों और प्रिंसिपलों के 70 से 80 सदस्यों का ग्रुप बनाकर ट्रेनिंग लेने और वहां के सिस्टम को समझने के लिए भेजा जाएगा। पंजाब के अध्यापकों पर हमें इतना विश्ववास है कि वो पंजाब के बच्चों को देश के टॉपर बनाने का दम रखते है। बच्चों की जिंदगी में अध्यापक ही उसका रोल माडल होता। बच्चों के माता-पिता को भी बच्चों के बारे इतना नहीं पता होता जितना बच्चे के अध्यापक को उसके बारे पता रहता।
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