नई दिल्लीः पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। राणा गुरमीत सिंह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे हैं। लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में हालांकि उन्हें जगह नहीं मिली थी। वहीं भाजपा में शामिल होने से पहले सोढ़ी ने कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और सोम प्रकाश की मौजूदगी में भगवा पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम, मनजिंदर सिंह सिरसा और संजय मयूख भी मौजूद थे।
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अमरिंदर कैबिनेट में खेल मंत्री थे सोढ़ी
वहीं सोढ़ी का पार्टी में स्वागत करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि पंजाब के खेल, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में उनका विशेष स्थान है। यादव ने कहा, “2002 से चार बार के विधायक सोढ़ी पंजाब में पार्टी को मजबूत करेंगे।” सोढ़ी कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार में खेल मंत्री थे। शेखावत ने कहा, “सोढ़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब की सेवा करने के लिए भाजपा में शामिल हुए। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वर्तमान में, वह पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे। वह हमें ‘एक नया पंजाब, भाजपा के साथ’ बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगे।”
बीजेपी में शामिल होने के बाद सोढ़ी ने कहा कि उन्होंने पंजाब के हित में फैसला लिया है। सोढ़ी ने कहा, “पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। शांति और सद्भाव खतरे में है और राज्य सरकार इसे संभालने में सक्षम नहीं है। पंजाब भारत का एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण राज्य है। केवल प्रधानमंत्री ही पंजाब को बचा सकते हैं।”
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