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एक विधायक एक पेंशन के फैसले पर मान सरकार को झटका, राज्यपाल ने वापस भेजी फाइल

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चंडीगढ़ः पंजाब सरकार की एक विधायक, एक पेंशन योजना पर राज्यपाल ने ब्रेक लगा दिया है। राज्यपाल ने बुधवार की रात पंजाब सरकार के अध्यादेश पर आपत्ति लगाते हुए वापस भेज दिया है। अब सरकार द्वारा विधानसभा में यह बिल रखा जाएगा। राजभवन से फाइल वापस आने के बाद सरकार की ओर से बिल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य में विधायकों के पास एक से ज्यादा पेंशन जा रही है। इसके कारण सरकार पर 19.53 करोड़ का वित्तीय बोझ हर साल पड़ रहा है। कई पूर्व विधायकों को पांच-पांच लाख रुपये पेंशन मिल रही है। सरकार के इस फैसले से हर साल करोड़ों रुपये की बचत होगी।

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पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अप्रैल माह के दौरान एक पेंशन, एक विधायक योजना लागू करने का ऐलान किया था। उसके बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने दो मई को मंत्रिमंडल की बैठक में एक विधायक, एक पेंशन अध्यादेश को जारी करने के लिए मंजूरी दी थी। पंजाब सरकार द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास भेजा गया। राज्यपाल ने कानूनी विशेषज्ञों की राय लेने के बाद इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। अब सरकार के लिए इस संबंध में एक बिल विधानसभा में पास करवाना जरूरी हो गया है। पंजाब विधानसभा का बजट सत्र जून माह में होगा।

अब विधानसभा सत्र आने पर बिल पास करवाना जरूरी हो जाएगा। इसलिए सीधे बिल को विधान सभा में पेश करते हुए इसका कानून बनाया जाएगा। अब इस काम को पूरा होने में एक से दो माह का समय लग सकता है। सरकार विधानसभा में पहले विधेयक पास करवाएगी। उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी। ऐसे में यह साफ हो गया है कि जब तक पंजाब में यह नियम लागू नहीं होगा, तब तक पूर्व विधायक पहले की तरह पेंशन लेते रहेंगे।

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