दिल्ली की सीमाओं से लौटने पर किसानों का पंजाब सरकार करेगी स्वागत

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चंडीगढ़ः किसान आंदोलन स्थगित करने के बाद प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और तमाम विरोध स्थलों से वापस लौट रहे हैं। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार शनिवार को दिल्ली की सीमा से लौटने पर किसानों का स्वागत करेगी, जहां उन्होंने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर विरोध प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री ने किसानों, खेत मजदूरों और उनके नेताओं को बधाई देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह लोगों की जीत है और समाज के विभिन्न वर्गो की एकता है जिसने केंद्र को कठोर काले कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है।

700 से अधिक किसानों ने दिया बलिदान

चन्नी ने कहा कि लगभग एक साल तक किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देने के बावजूद, भाजपा नेता अब किसानों की जीत को भुनाना चाहते हैं और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनावों में इसे चुनावी कार्ड के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और जनता, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उसके नेताओं के धैर्य की परीक्षा के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए आसान जीत नहीं थी क्योंकि उन्हें केंद्र के अहंकार की भारी कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान चली गई है। चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार ने 350 मृत किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरी और वित्तीय सहायता भी दी है।

इससे पहले गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी। सीएम चन्नी ने ट्वीट कर कहा कि किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत और केंद्र सरकार को किसानों की सभी मांगें मानने के लिए मजबूर करने हेतु सभी को बधाई। सालभर चला विरोध प्रदर्शन हमारे लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है। ये जरूरी है कि हम उन शहीदों को याद रखें, जिन्होंने इस संघर्ष में अपनी जान की कुर्बानी दी।

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