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ड्रग्स केस में अकाली नेता बिक्रम मजीठिया पर FIR दर्ज, सिद्धू बोले- यह अभी पहला कदम

चंडीगढ़ः पंजाब में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले, पुलिस ने पूर्व अकाली मंत्री और सुखबीर बादल के साले बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी के अनुसार, मजीठिया पर अपनी संपत्ति या वाहन के उपयोग के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी की अनुमति देने, दवाओं के वितरण या बिक्री के वित्तपोषण और तस्करी के लिए आपराधिक साजिश रचने के लिए मामला दर्ज किया गया था। राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू ने ट्विटर पर घोषणा की है कि मामला दर्ज किया गया है।

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मजीठिया के जारिए सिद्धू ने अकाली दल पर साधा निशाना

मजीठिया का नाम लिए बगैर सिद्धू ने कहा, "फरवरी 2018 एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर पंजाब पुलिस की अपराध शाखा में ड्रग व्यापार के मुख्य दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें मैंने 4 साल पहले यह मांग की थी। यह सभी के मुंह पर तमाचा है, जो बरसों तक पंजाब की आत्मा के मुद्दों पर सोते रहे। "बादल परिवार और कैप्टन द्वारा चलाई जा रही भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ 5.5 साल की लड़ाई और मजीठिया के खिलाफ ईडी और एसटीएफ रिपोर्ट पर कार्रवाई किए बिना 4 साल की देरी के बाद आखिरकार अब सत्ता और प्रभाव के पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों को आगे बढ़ाने के बाद पहला कदम उठाया गया है।"

सिद्धू ने कहा ड्रग्स माफिया के खिलाफ पहला कदम

यह दावा करते हुए कि प्राथमिकी ड्रग्स माफिया के खिलाफ सिर्फ एक कदम है, सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "ड्र्ग्स माफिया के मुख्य दोषियों को अनुकरणीय सजा दिए जाने तक न्याय नहीं दिया जाएगा, यह केवल एक पहला कदम है। सजा मिलने तक लड़ेंगे जो पीढ़ियों के लिए निवारक के रूप में कार्य करता है। हमें ईमानदार और धर्मी को चुनना चाहिए और नशीली दवाओं के तस्करों और उनके संरक्षकों से दूर रहना चाहिए।" अत्यधिक संवेदनशील कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने मामले के पंजीकरण को राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे खराब उदाहरण करार दिया।

अकाली दल की बढ़ेंगी मुश्किलें

गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा से लगभग 2 हफ्ते पहले कांग्रेस सरकार ने अचानक अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया पर केस दर्ज कर सबको चौंका दिया। कहने के लिए यह महज कानूनी कार्रवाई है, लेकिन इसके गहरे सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। दरअसल बिक्रम मजीठिया अकाली दल का बड़ा चेहरा हैं। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल इस समय सक्रिय राजनीति से दूर हैं। ऐसे में इस बार अकाल दल प्रधान सुखबीर बादल खुद पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा हैं। अकाली दल में सुखबीर के बाद मजीठिया की हैसियत नंबर-2 वाली है। चुनाव से ठीक पहले उन पर केस दर्ज होने से अकाली दल की मुश्किलें बढ़ेंगी।

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