चंडीगढ़ः पंजाब में राज्य की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए मतदान जारी। वोटिंग को लेकर मतदाताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं अमृतसर में शरीर से जुड़े दो किशोरों ने अलग-अलग मतदाता के तौर पर पहली बार अपने वोट डाले। इनके नाम सोहन सिंह और मोहन सिंह हैं लेकिन आसपास के लोग इन्हें सोहना -मोहना के नाम से बुलाते हैं और ये पिछले वर्ष ही 18 साल के हुए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करूणा राजू (सीईओ) ने 25 जनवरी को 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इन दोनों को अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र दिए थे। सीईओ ने बताया कि दोनों को अलग-अलग वोट डालने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे ताकि उनकी गोपनीयता बरकरार रखी जा सके।
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जन्मे के बाद माता-पिता ने फेंक दिया था
बता दें कि इन दोनों का जन्म दिल्ली में 13 जून 2003 को हुआ था और जन्म के बाद इनके माता पिता ने दोनों को छोड़ दिया था। जिसके बाद अमृतसर के एक अनाथालय नेदोनों बच्चों का पालन पोषण किया। इन दोनों के जन्म के बाद इनके डॉक्टर ने कहा था कि वे दोनों ज्यादा दिन तक जिन्दा नहीं रहेंगे। सोहन सिंह और मोहन सिंह ने आईटीआई करने के बाद इलेट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा का कोर्स किया और उसके बाद परीक्षा में पास होकर सरकारी नौकरी प्राप्त की।
पेट एक पर पंसद अलग-अलग
इन दोनों जुड़वा भाईयों का शरीर एक पर दिल अलग-अलग हैं। यही नहीं दोनों की पसंद काफी अलग हैं। एक टीवी शो के दौरान दोनों ने खुलासा किया था कि एक को पिज्जा पसंद हैं तो एक को डोसा खाना अच्छा लगता है। सोहन सिंह और मोहन सिंह को गाने का भी शौक है। वह शंकर महादेवन को अपना गुरु मानते हैं और उनकी प्लेलिस्ट से वह गाना सिख रहे हैं। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, ‘पहली बार मतदान करके बहुत अच्छा लग रहा है। नागरिकों को अपने मत का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। चुनाव आयोग ने इन दोनों को अलग-अलग मतदाता माना है और इसी वजह से उन्हें अलग मतदाता परिचय पत्र दिए हैं। राज्य में मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा तथा मतगणना 10 मार्च को होगी।
1,304 प्रत्याशी मैदान में
इन चुनावों में 1,304 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 1209 पुरुष, 93 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं। कांग्रेस ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 77 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 वर्षों से सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (शिअद-भाजपा) सरकार को बाहर कर दिया था। पिछली बार के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। शिरोमणि अकाली दल शिअद ने 15 सीटें जीतीं, जबकि 2007 से 2017 तक पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन सरकार में शामिल भाजपा को मात्र तीन सीटें प्राप्त हुई थीं।
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