चंडीगढ़ः पंजाब हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की घटना की जांच करने के लिए केंद्र की तीन सदस्यों वाली टीम शुक्रवार सुबह जहां फिरोजपुर पहुंची। वहीं, पंजाब पुलिस द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गई पहली जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी अचानक सड़क पर आए जिस कारण समय रहते उन्हें हटाया नहीं जा सका। दरअसल बीती 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब दौरे पर थे। फिरोजपुर जाते समय प्रदर्शनकारियों ने गांव प्यारेआना के निकट बने फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला रोक लिया था।
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पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी पहली रिपोर्ट
प्रधानमंत्री का काफिला रैली स्थल से आठ किलोमीटर पहले तथा पाकिस्तान सीमा से तीस किलोमीटर दूर करीब बीस मिनट तक सड़क पर फंसा रहा। इसे लेकर पंजाब सरकार ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय को अपनी पहली रिपोर्ट भेज दी है। जिसमें कहा गया है कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री के दौरे से पहले चार जनवरी की रात रैली स्थल तथा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम वाले स्थानों की तरफ जाने वाले सभी रास्ते क्लीयर थे। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री जब सड़क मार्ग से निकले तो बाकायदा रूट पर सुरक्षा लगाई गई थी लेकिन प्रदर्शनकारी अचानक सामने आ गए। इससे पहले कि प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया जाता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला वहां पहुंच गया।
फिरोजपुर पहुंची केंद्र की जांच टीम
इसी बीच शुक्रवार सुबह केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई तीन सदस्यों की जांच समिति फिरोजपुर पहुंची। इस टीम में सुधीर कुमार सक्सेना सचिव (सुरक्षा), आईबी के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह तथा एसपीजी के आईजी जी सुरेश शामिल थे। इस टीम ने फिरोजपुर के एसएसपी हरमन हंस, जिला उपायुक्त तथा प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों के बयान दर्ज किए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए रैली स्थल तथा हेलीपैड पर करीब दस हजार पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। इसके अलावा जिन रास्तों से प्रधानमंत्री को निकलना था वहां तथा अन्य कार्यक्रम स्थलों पर भी करीब चार हजार पुलिस कर्मचारी तैनात थे।
केंद्रीय जांच टीम ने पंजाब के अधिकारियों से पूछे ये सवाल
प्रधानमंत्री का बाय रोड जाने का कार्यक्रम कैसे लीक हुआ?
प्रधानमंत्री को एसपीजी का कवर है। फिर अल्टरनेट रूट क्यों नहीं बनाए गए?
प्रदर्शनकारियों की संख्या कितनी थी?
क्या पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की शिनाख्त की है?
तीन दिन में कितने प्रदर्शनकारी चिन्हित किए गए हैं?
तीन दिन में किस अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है?
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