Punjab: सिर्फ तीन सीटों पर सिमटी अकाली दल, हार पर मंथन करने के लिए बुलाई बैठक

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चंडीगढ़ः पंजाब में सत्ता की सीढ़ी चढ़ने से वंचित रहे शिरोमणि अकाली दल ने हार पर मंथन के लिए सोमवार को बैठक बुला ली है। शिरोमणि अकाली दल को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी को माझा, मालवा तथा दोआबा में केवल एक-एक सीट पर ही जीत मिली है। अकाली दल की सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को भी केवल एक सीट मिली है। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल आज मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि पार्टी सभी हलकों से फीडबैक ले रही है। बादल ने कहा कि पंजाब के लोगों द्वारा दिया गया जनादेश वह तथा समूची पार्टी स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि हार के कारणों पर मंथन करने तथा भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए सोमवार 14 मार्च को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में चर्चा की जाएगी। सुखबीर बादल ने कहा कि जनता के फैसले को सिर झुका कर स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल पंजाब और पंजाबियत के हित में हमेशा अपनी आवाज बुलंद रखेगा।

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97 सीटों पर लड़ा चुनाव

बता दें कि 117 में अकाली दल ने 97 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि 20 सीटें बसपा को दी थी। अकाली दल ने 2007 और 2012 में लगातार 10 साल सत्ता में राज करने के बाद 2017 में सत्ता से बाहर हो गया था। अकाली दल की हार में सबसे चौंकाने वाले परिणाम बादल के लिए रहे। अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल जलालाबाद से हार गए। पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने गढ़ लंबी से हार गए। अमृतसर ईस्ट से बिक्रम मजीठिया को हार मिली। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को अगर कहीं भी भगवंत सिंह मान को आवश्यकता होने पर अपनी पार्टी के पूरा समर्थन की पेशकश की है।

उन्होंने आने वाले मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के लिए प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार पंथक पार्टी के रूप में अकाली दल पंजाबियों की भलाई और समृद्धि को बढ़ावा देने और धार्मिक, क्षेत्रीय और नदी के मुददों पर राज्य के हितों की रक्षा के उपायों में नए मुख्यमंत्री का समर्थन करने के लिए पूरी तरह समर्थन करेगा।

सीएम चन्नी ने स्वीकार किया जनादेश

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जनादेश को स्वीकार करते हुए नई सरकार से आग्रह किया है कि पिछले 111 दिन के कार्यकाल में जनहित में लिए गए फैसलों तथा जनहित में लागू की गई योजनाओं को जारी रखा जाए। पंजाब में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक बुलाई जिसमें सभी मंत्रियों का इस्तीफा लिया गया। चन्नी कैबिनेट की अंतिम बैठक में नई सरकार को बधाई देने का प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि 111 दिन के कार्यकाल के दौरान चन्नी सरकार ने पंजाब में बिजली तथा पेट्रोल के रेट कम किए गए। रेत के दाम कम किए गए।

आप ने दर्ज की प्रचंड जीत

गौरतलब है कि पंजाब में 117 विधायकों वाली विधानसभा में सरकार चलाने के लिए 59 सीटों पर जीत की जरुरत है। लेकिन आम आदमी पार्टी को 92 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज इतिहास रच दिया है। चुनाव जीतने के बाद आज भगवंत मान पहले दिल्ली गए जहां उन्होंने अरविंद केजरीवाल तथा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की। दिल्ली से लौटने के बाद देर शाम को मोहाली के एक होटल में विधायक दल की बैठक हुई।

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