चंडीगढ़ः पंजाब में शनिवार को भगवंत मान सरकार का शपथ ग्रहण हुआ। जिसमें 10 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। तमाम अटकलों व दावों के बावजूद मंत्री बनने से चूके अमन अरोड़ा तथा प्रो.बलजिंदर कौर नई सरकार के शपथ ग्रहण में तो शामिल हुए लेकिन शपथ ग्रहण नहीं करने का दर्द भी उनके चेहरे पर दिखाई दिया। अमन अरोड़ा पंजाब में सबसे अधिक 75 हजार वोटों से जीतकर आए हैं। कहा जा रहा है कि चुनाव के दौरान अमन अरोड़ा, सरबजीत कौर माणुके तथा बलजिंदर कौर के पार्टी छोड़ने की बातें बड़ी तेजी से चल रही थीं। इसके चलते हाईकमान ने उन पर भरोसा नहीं किया।
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अमन अरोड़ा ने किसी प्रकार की नाराजगी सीधे तौर पर व्यक्त करने की बजाय कहा कि वह पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि शायद उनकी पार्टी के प्रति वचनबद्धता और विश्वसनीयता में कोई कमी रह गई होगी, जिसके चलते उन्हें हाईकमान ने इस लायक नहीं समझा। अमन अरोड़ा ने कहा कि वह पार्टी के वफादार सिपाही हैं। पार्टी हाईकमान जहां कहेगी, वहां काम करेंगे। प्रो. बलजिंदर कौर ने कहा कि पार्टी हाईकमान का जो भी फैसला होगा, वह मंजूर है। पार्टी की बात शुरू से मानती रही हूं और आगे भी मानती रंहूगी। बलजिंदर कौर ने कहा कि पार्टी जब विपरीत परिस्थितियों से गुजर रही थी और एक-एक करके विधायक पार्टी छोड़ रहे थे तो भी वह पार्टी के साथ खड़ी रहीं और आगे भी पार्टी के साथ ही रहेंगी।
बता दें कि पंजाब के मंत्री पद मिलने के लेकर जो दावेदार माने जाने वाले थे विधायक अमन अरोड़ा, सर्वजीत कौर माणुके और प्रो. बलजिंदर कौर का नाम संभावित थे। लेकिन इन तीनों की ही मंत्री नहीं बनाया गया है। अब चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इन्हें मंत्री क्यों नहीं बनाया। जिसको लेकर अब आम आदमी पार्टी में अंदरुनी कलह की बातें सामने आने लगी हैं। हालांकि अभी तक तीनों का कोई बयान सामने नहीं आया है। बता दें कि यह तीनों वही हैं जिनका आप ने टिकट वितरण में देरी की तो इन्होंने पार्टी छोड़ने की तैयारी तक कर ली थी।
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