उत्तर प्रदेश

लोक निर्माण मंत्री ने कहा- बख्शे नहीं जाएंगे सेतुओं के निर्माण में लापरवाही करने वाले

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में निर्माणाधीन पुलों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। पुलों के निर्माण के प्रारम्भ से लेकर पूर्ण होने तक प्रत्येक चरण में गुणवत्ता परीक्षण सुनिश्चित किया जाए। पुलों का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराया जाए और गुणवत्ता जांच के लिए मानक भी तय किए जाएं। प्रत्येक जनपद एवं मण्डल स्तर पर टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्ता की जांच के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) बनाने और सभी इकाइयों की रैंडम जांच करने के भी निर्देश दिए।

कठोर कार्रवाई के दिए निर्देश

श्री प्रसाद ने यह निर्देश आज उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड में निर्माणाधीन सेतु परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने बताया कि आगरा क्षेत्र में 30, अयोध्या क्षेत्र में 35, आज़मगढ़ क्षेत्र में 10, बरेली क्षेत्र में 26, गाजियाबाद क्षेत्र में 53, गोरखपुर क्षेत्र में 18, कानपुर क्षेत्र में 32, लखनऊ क्षेत्र में 28, प्रयागराज क्षेत्र में 33 और वाराणसी क्षेत्र में 33.52 राज्यों में कुल 292 पुल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन सभी पुलों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्धारित समय सीमा के अन्दर पूरा किया जाये। परियोजना में देरी होने पर संशोधित प्राक्कलन भेजने वाले अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जायेगी और उचित कारण नहीं होने पर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पुल निर्माण में देरी करने वाले ठेकेदारों को भी डिबार किया जाएगा।

आम नागरिकों न हो आसावधानी

लोक निर्माण मंत्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के बाद ही नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाये। क्योंकि परियोजना शुरू होने के बाद भूमि अधिग्रहण में देरी से पुलों की कास्ट अनावश्यक रूप से बढ़ जाती है और सरकार को आर्थिक नुकसान भी होता है। भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलों के निर्माण के टेंडर में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता की दृष्टि से प्रहरी जैसी प्रक्रिया अपनाई जाए। टेंडर के लिए सेतु निगम के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाए और उसमें मुख्य अभियंता सेतु को भी सदस्य के रूप में नामित किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग में लम्बित सभी जांचों का शीघ्र निस्तारण किया जाये। निर्माणाधीन पुलों में रूटों का डायवर्जन सुव्यवस्थित ढंग से किया जाए, ताकि आम नागरिकों को आवागमन में कोई कठिनाई न हो। यह भी पढ़ेंः-सामूहिक विवाह मामले में समाज कल्याण मंत्री का कड़ा रुख, जांच में हुआ खुलासा लोक निर्माण राज्य मंत्री ब्रिजेश सिंह ने सभी अभियंताओं को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि वह समय-समय पर निर्माणाधीन पुलों का निरीक्षण भी करेंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, सलाहकार श्री वी.के. सिंह, मुख्य अभियंता वी.के. बैठक में श्रीवास्तव एवं अशोक अग्रवाल, मुख्य अभियंता संजय श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)