Chhattisgarh: गर्भवती महिलाओं का भोजन बंद करने का उठा मुद्दा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

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Chhattisgarh, रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं का भोजन बंद करने का मुद्दा उठा। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि योजना बंद नहीं की गई है, गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन दिया जा रहा है। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया ने सदन में गर्भवती महिलाओं को दिए जा रहे गर्म भोजन बंद करने का मुद्दा उठाया।

बच्चों को भी नहीं मिल पा रहा पोषण

इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि योजना बंद नहीं की गई है। डीएमएफ, सीएसआर फंड से गर्म भोजन दिया जा रहा है। इस पर अनिला भेड़िया ने कहा कि कांग्रेस काल में 126 करोड़ का बजट दिया जाता था, आज बजट 25 करोड़ है। गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को फिर से गर्म भोजन दिया जाना चाहिए, नहीं तो कुपोषण बढ़ेगा। मंत्री ने कहा कि 6 महीने में कुपोषण में 12 फीसदी की कमी आई है। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि अगर हम 0 से 3 साल तक के बच्चों को पोषण आहार नहीं दे पा रहे हैं तो यह कैसा सुशासन है।

सदन से किया वॉकआउट

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने भवन विहीन 16 दुकानों के संबंध में सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि सवाल उठाए जाने के बाद दुकानों को अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है। कई दुकानों को नक्सल प्रभावित इलाकों में शिफ्ट किया गया है। आमपल्ली, जगरगुंडा की दुकानों को शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही कवासी लखमा ने सवाल उठाया कि क्या नक्सलियों को चावल देने के लिए दुकानों को शिफ्ट किया गया है।

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इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि अगर दुकानों को शिफ्ट करने के संबंध में जानकारी दी जाती है तो जांच कराई जाएगी। इस पर कवासी लखमा ने कहा कि अगर कार्रवाई होती है तो जानकारी दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री का जवाब असंतोषजनक है। इसलिए हम सदन की कार्यवाही से वॉकआउट करते हैं।

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