West Bengal Day: हंगामे के बीच विधानसभा में 15 अप्रैल को बंगाल दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित

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कोलकाता: गुरुवार को विधानसभा में जोरदार हंगामे के बीच 15 अप्रैल (बंगाली नववर्ष यानी पोइला बैसाख) के दिन बंगाल दिवस मनाने का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। हालांकि, बीजेपी विधायकों ने इसका कड़ा विरोध किया।

संसदीय कार्य मंत्री शोभन देव चटर्जी ने विधानसभा में प्रथम बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पढ़ा। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं। बीजेपी विधायक शंकर घोष ने कहा कि कैलेंडर के पहले दिन का पश्चिम बंगाल दिवस से कैसे संबंध हो सकता है? राज्य सरकार सिर्फ एक घंटे की चर्चा के आधार पर पश्चिम बंगाल दिवस का निर्धारण करना चाहती है।

शुभेंदु अधिकारी ने पहनी खास तरह की टी-शर्ट 

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नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत बीजेपी विधायकों ने आज सदन में एक खास तरह की टी-शर्ट पहनी, जिस पर 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस (West Bengal Day) लिखा था और टी-शर्ट के पीछे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर छपी थी। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पहले ही बता दिया था कि 50 साल में पूर्वी पाकिस्तान का अस्तित्व क्या होगा और वही हुआ। उन्होंने 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस (West Bengal Day) के रूप में निश्चित किया है, इसीलिए यह तिथि पश्चिम बंगाल के गठन से संबंधित है। इसके अलावा कोई अन्य तिथि नहीं हो सकती।

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16 अक्टूबर को मनाया जाए पश्चिम बंगाल दिवस

आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि 16 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल दिवस (West Bengal Day) के रूप में मनाया जाना चाहिए क्योंकि बंगाल को भंग कर दिया गया था। शुभेंदु ने कहा कि पश्चिम बंगाल दिवस तय करने में राज्य सरकार को 12 साल लग गए। क्या ये दिन तय करने से पश्चिम बंगाल की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी? क्या सरकारी कर्मचारियों को मिलना शुरू होगा महंगाई भत्ता? क्या बेरोजगारों को भी मिलेगा रोजगार? क्या भ्रष्टाचार और हिंसा ख़त्म हो जायेगी? बिलकुल नहीं। सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है।

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