लखनऊः छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंगलवार को पाठक की याचिका को खारिज कर दिया है। प्रो. विनय विनय पाठक ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। इसको लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई।
पाठक के तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा और सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप माथुर और एएजी विनोद शाही ने अपनी-अपनी दलीलें रखी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पाठक की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसला आने के बाद अब एसटीएफ अपनी रणनीति बनाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रो. विनय पाठक के खिलाफ बीते दिनों इंदिरानगर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर नियुक्तियों में धांधली करने का आरोप है। जब वे एकेटीयू में थे तो उन्होंने ऐसे लोगों को भर्ती कर लिया जिनके पास सार्टिफिकेट सही नहीं थे।
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इतना ही नहीं योग्य लोगों के स्थान पर अयोग्य लोगों को असिस्टेंट प्रोफेसर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार और सर्विस प्रोवाइडर की नौकरी तक दे दी गई। इस दौरान जब लोगों ने विरोध किया तो प्रो. विनय पाठक ने कार्रवाई की बात कहकर आवाज को दबा दी। मामला जब उजागर हुआ तो उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ परत-दर-परत कलई खुलने लगी। मामले की जांच एसटीएफ कर रही है।
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