Wednesday, January 29, 2025
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शहर में अब नहीं होगा निजी Bike Taxis का संचालन, लेना होगा परमिट

लखनऊः शहर में अब निजी बाइक टैक्सियों (Bike Taxis) का संचालन नहीं हो सकेगा। इन Bike Taxis को RTO से परमिट लेना होगा। इससे शहर में संचालित हो रही अवैध Bike Taxis पर लगाम लगेगी, साथ ही परिवहन विभाग को राजस्व भी मिलेगा।

Bike Taxis के परिमिट में कितना खर्च

पहले चरण में 500 परमिट जारी किए जाएंगे। बाइक टैक्सी के परमिट के लिए 1,350 रुपए फीस और प्रति सीट 600 रुपए टैक्स जमा करना होगा। राजधानी में अभी ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपिडो जैसी कम्पनियों की बाइक टैक्सियां संचालित हो रही हैं। इन कम्पनियों के जरिए संचालित हो रहीं अधिकांश बाइक टैक्सियां कॉमर्शियल नहीं हैं यानी इन टैक्सियों की प्लेट पीली नहीं है। ऐसे में इनका उपयोग तो कॉमर्शियल हो रहा है, लेकिन इसके बदले परिवहन विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है। अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) द्वारा बाइक टैक्सियों को परमिट देने में बाधा बन रही सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त हटा देने से रास्ता साफ हो गया है।

इस शर्त के हटने से बाइक टैक्सी के परमिट का आवेदन करने वाले वाहन स्वामियों को आसानी से परमिट मिल सकेगा। इसके साथ ही दोपहिया वाहन को बाइक टैक्सी के तौर पर चलाने के इच्छुक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। ऐसे वाहन स्वामियों को अपनी गाड़ी कॉमर्शियल वाहन में कन्वर्ट करानी होगी। जिसके बाद वह परमिट के लिए आवेदन कर सकेंगे। बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2018 में आयोजित की गयी पहली इंवेस्टर समिट के दौरान बाइक टैक्सी की शुरूआत की गयी थी। उस दौरान आरटीओ की ओर से बाइक टैक्सी के 750 परमिट स्वीकृत किए गए थे। इनमें 500 परमिट ओला, 200 परमिट उबर और 50 परमिट एक अन्य कम्पनी के स्वीकृत किए गए थे।

आम जनता को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के मकसद से सीएनजी बाइक टैक्सी को सड़क पर उतारा गया था। बाइक टैक्सी की शुरूआत के दौरान इसमें एक अहम शर्त भी जोड़ी गयी थी। इसके तहत बाइक टैक्सी को छह माह में सीएनजी में कन्वर्ट किया जाना था। हालांकि, आइकैट से मंजूरी न मिलने से इनका कन्वर्जन सीएनजी में नहीं हो सका। उस दौरान मात्र 18 परमिट स्वीकृत हुए थे, जो शर्त पूरी न कर पाने के चलते निरस्त हो गए। अब आरटीए द्वारा इस शर्त को हटा देने से बाइक टैक्सी को परमिट देना आसान हो गया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को परमिट से है छूट

भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही परमिट से छूट मिली हुई है। ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन इस दायरे में नहीं आएंगे। हालांकि इलेक्ट्रिक दोपहिया ऐसे वाहन जो बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित होंगे उन्हें अपना वाहन कामर्शियल में कन्वर्ट कराना होगा, वहीं पेट्रोल से संचालित दोपहिया वाहनों को परमिट लेना अनिवार्य होगा।

राजधानी में तीन एआरटीओ संभालेंगे प्रवर्तन की जिम्मेदारी

राजधानी लखनऊ में तीन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रवर्तन कार्य करेंगे। इनमें अयोध्या एआरटीओ प्रेम सिंह, एआरटीओ परिवहन मुख्यालय सुनील दत्त और एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय दल मीरजापुर विजय प्रकाश सिंह शामिल हैं। इसके पूर्व श्रावस्ती के एआरटीओ विनीत मिश्र को सप्ताह में तीन दिन लखनऊ में कार्य करने के जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। बीते सप्ताह पारा के तिकुनिया में दुर्घटनाग्रस्त डबल डेकर बस की जांच न होने और चेकिंग आदि कार्य सही से न होने के चलते उन्हें इस प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।

सड़क सुरक्षा, राजस्व और प्रवर्तन कार्यों में तेजी लाने के मकसद से राजधानी में तीन एआरटीओ को तैनाती दी गयी है। वहीं कई जिलों के ऐसे एआरटीओ निशाने पर हैं जिनकी लाग इन आईडी से दो जगहों पर काम हो रहा है। इनमें गाजीपुर, जौनपुर समेत अन्य जिलों के एआरटीओ शामिल हैं।

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