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महाराष्ट्र सरकार के लिए मुसीबत बने कोरोनाकाल में रिहा किए गए 406 कैदी


jail-mumbai पुणेः महाराष्ट्र सरकार के लिए 406 बंदी अब मुसीबत बन गए हैं। कोरोना काल में इन कैदियों को आपात अवकाश या पैरोल पर महाराष्ट्र की जेलों से रिहा किया गया था। कई बार चेतावनी देने के बाद भी इन कैदियों ने सरेंडर नहीं किया है। ये कैदी माफिया, हत्यारोपित, आजीवान कारावास व सात वर्ष की सजा वाले शातिर बदमाश हैं। अब इन कैदियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सघन तलाशी अभियान चला रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में इन 4 हजार 200 से अधिक कैदियों को संक्रमण से बचाने व संक्रमण कम होने के बाद जेल वापस लौटने के आदेश के साथ पैरोल पर छोड़ा गया था। इनमें से अभी तक 406 कैदियों ने सरेंडर नहीं किया है, जिससे महाराष्ट्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। इन शातिर कैदियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तेजी से अभियान चला रही है। वहीं, सरकार भी विधानसभा चुनाव से पहले इन कैदियों को फिर से सलाखों के पीछे पहुंचाना चाह रही है।

350 कैदियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज -

जेल प्रशासन स्थानीय थानों में फरार कैदियों पर अब भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 224 के तहत मुकदमा दर्ज करवा रहा है। अब तक ऐसे 350 फरार कैदियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। येरवडा सेंटर जेल से कोरोना काल के दौरान रिहा किये 18 शातिर कैदी अभी भी फरार हैं। इसके अलावा येरवडा महिला जेल से दो व येरवडा ओपन जेल से पांच कैदी बाहर घूम रहे हैं। इसी तरह, तलोजा जेल से 50, नासिक रोड जेल से 44, अमरावती जेल से 33, छत्रपति संभाजी नगर जेल से 22, पैठण ओपन जेल से 22, नागपुर जेल से 23 व कोल्हापुर जेल से 24 कैदी फरार हैं। ये भी पढ़ें..एयरपोर्ट जाने वाले वाहनों को देना होगा अब अधिक पार्किंग शुल्क, जल्द लागू होंगी नई दरें

जेलों में नहीं दी जाएंगी सुविधाएं -

इस संबंध में राज्य कारागार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमिताभ गुप्ता ने बताया कि इन कैदियों को गिरफ्तार करने के निर्देश राज्य पुलिस को दिए जा चुके हैं। हर हफ्ते इसकी समीक्षा की जा रही है। फरार कैदियों के पकड़े जाने के बाद उन्हें जेलों में दी जाने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)