Home उत्तर प्रदेश महामना के सिद्धांतों का आकलन संभव नहीं : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद

महामना के सिद्धांतों का आकलन संभव नहीं : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद

लखनऊः बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय हमारे देश का बहुत बड़ा विश्वविद्यालय है, लेकिन महामना के कार्यों और सिद्धान्तों का आकलन करने के लिए वो अकेला विश्वविद्यालय काफी नहीं है। उनका योगदान उससे कही ज्यादा बड़ा है।

यह उद्गार केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने महामना मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती पर गोमती नगर स्थित महामना मालवीय विद्या मंदिर इंटर कॉलेज परिसर में व्यक्त किए। कार्यक्रम की शुरूआत राज्यपाल मो. आरिफ खान, महामना मालवीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नारायण श्रीवास्तव व महामना मालवीय के अध्यक्ष लखनऊ एके त्रिपाठी, मंच संचालक रमाकांत पाण्डेय, महामना मालवीय के महासचिव डीएस शुक्ला ने महामना की मूर्ति के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर व माल्यार्पण कर की।

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इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि विशेषांक जागृति व मदन मोहन मालवीय पर आधारित मिशन संदेश किताब का विमोचन भी किया गया। राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में अरब की उन्नति में भारतीय संस्कृति के योगदान के बारे में वहां मौजूद लोगों को बताया। इससे पहले महामना मालवीय मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने अपने और मो. आरिफ के पुराने संम्बंधों की बात की। दशकों पुरानी जान-पहचान के दौरान कई रोचक किस्से सुनाए और उनकी तारीफ करते हुए कहा कि यह देश के एकमात्र ऐसे नेता होंगे, जिन्हें कुरान के साथ-साथ गीता का भी ज्ञान है।

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इसके रहते ही भारत में हिन्दू-मुस्लिम की एक वाजिब चर्चा को आयाम दिया जा सकता है। गंदगी को मखमल की चद्दर से ढकने से कुछ होने वाला नहीं है। इसके साथ ही गीता गाने के लिए छात्रा मीनाक्षी रावत व वंशिका श्रीवास्ताव को मो. आरिफ ने सर्टिफिकेट के साथ गीता का उपदेश देते श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमूर्ति भेंट की। वहीं शिक्षिका रश्मी श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर भजन की प्रस्तुति की।

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