Budget Session से पहले पीएम मोदी की विपक्ष से अपील, अब केवल देश की प्रगति के लिए हो राजनीति

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नई दिल्ली: Budget Session से पहले संसद भवन (Parliament House) में प्रवेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विपक्षी दलों से चुनावी राजनीति से ऊपर उठकर जनता के हित में रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले साढ़े चार साल देश को समर्पित करें और संसद का उपयोग करें। जनवरी 2029 में जब चुनावी साल आएगा, तब फिर मैदान में जाएं। उन छह महीनों में जो भी राजनीतिक खेल खेलना है, खेलें। लेकिन तब तक सिर्फ देश, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए जनभागीदारी का जनआंदोलन बनाएं।

देशवासियों के सपनों के लिए करें काम

बजट सत्र से पहले पत्रकारों को पारंपरिक रूप से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार (first monday of saavan) है। इस पावन दिन पर संसद का सबसे महत्वपूर्ण मानसून सत्र (Monsoon session) शुरू हो रहा है। देश बहुत ध्यान से देख रहा है कि संसद का यह सत्र सकारात्मक हो, रचनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को पूरा करने की मजबूत नींव रखे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देशवासियों को जो गारंटी दी है, उसे जमीन पर उतारने का लक्ष्य लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। यह बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें जो पांच साल मिले हैं, वे हमारी दिशा तय करेंगे ताकि हम 2047 तक, जब हमारी आजादी के 100 साल पूरे होंगे, विकसित भारत का सपना पूरा कर सकें।

सभी सांसद पार्टी के लिए नहीं देश के लिए लड़ें

यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है कि भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था (economy) वाला देश है। हम पिछले तीन वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत में सकारात्मक दृष्टिकोण, निवेश और प्रदर्शन चरम पर है। यह अपने आप में भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से कहा कि पिछले जनवरी से लेकर अब तक हमने जितनी लड़ाई लड़ी, जितनी हमारी क्षमता थी, लड़ी है। हमें जनता से जो कहना था, हमने बता दिया है। अब वह दौर खत्म हो गया है। अब सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी दलों की जिम्मेदारी है कि हम अगले 5 साल तक एक साथ मिलकर देश के लिए लड़ें, देश के लिए संघर्ष करें। हमें एक होकर और नेक होकर संघर्ष करना है। लेकिन आज मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए देश की संसद के महत्वपूर्ण समय का दुरुपयोग किया।

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नई संसद के गठन के बाद पहले सत्र में जिस तरह से जनमत की अनदेखी की गई और देश के प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया गया, उससे विपक्षी दल दुखी नहीं हैं। जबकि यह दुख सभी को होना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने सभी दलों से अपील की है कि वे सदन में पहली बार आए सांसदों को बोलने का मौका दें। देशवासियों ने हमें पार्टी के लिए नहीं, देश के लिए संसद में भेजा है। मुझे उम्मीद है कि सभी सांसद चर्चा को समृद्ध करेंगे। देश को प्रगति की विचारधारा की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल और उनके सांसद लोकतंत्र के इस मंदिर का उपयोग देशवासियों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए करेंगे।

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