लखनऊः 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम समय बचा है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट फेरबदल की योजना बना रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में दोबारा वापसी के बाद योगी सरकार का यह पहला कैबिनेट फेरबदल होगा। कैबिनेट फेरबदल में वे मंत्री निशाने पर होंगे। जो विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष के अभियान का मुकाबला करने में विफल रहे। फेरबदल पिछले एक वर्ष में मंत्रियों द्वारा उनके विभागों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों और हाल ही संपन्न हुए नगर निगम चुनावों में मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के प्रदर्शन पर आधारित होगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक कुछ मंत्रियों को पदोन्नत किया जा सकता है, वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं को संगठनात्मक कार्य के लिए स्थानांतरित भी किया जा सकता है। यह पार्टी और मुख्यमंत्री ही तय करेंगे कि कौन सा मंत्री सरकार के लिए और कौन पार्टी के लिए अधिक उपयुक्त होंगे। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों और प्रदेश नेताओं की जिम्मेदारी बदलकर पार्टी मंत्रियों और संगठन के नेताओं को लगातार अलर्ट रखना चाहती है। पार्टी और योगी सरकार को कुछ मंत्रियों और संगठन के नेताओं के जिलों में तत्परता से काम नहीं करने की सूचना भी मिल रही है।
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हाल ही संपन्न हुए निकाय चुनाव में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मंत्रियों और विधायकों के प्रदर्शन का विश्लेषण पार्टी द्वारा किया जा रहा है। विश्लेषण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ साझा की जाएगी। इसके बाद कैबिनेट फेरबदल को लेकर निर्णय लिया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ का अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का निर्णय लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और पार्टी के ढांचे में बहुप्रतीक्षित बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक निकाय चुनाव में जिन हाई-प्रोफाइल मंत्रियों का प्रदर्शन उत्कृष्ट नहीं रहा है। उन्हें पार्टी में संगठनात्मक पदों पर स्थानांतरित किया जा सकता है और नए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
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