नई दिल्लीः मां बनना हर औरत का एक हसीन सपना होता है। इस दौरान रोज नन्ही सी जान के सपने देखते हुए और उसकी हर एक हलचल को महसूस करते हुए ये नौ महीने कब बीत जाते हैं, पता ही नहीं चलता। यूं कह लीजिये कि बच्चे के अहसास से मां अपनी हर तकलीफ भूल जाती है। मां बनने के सफर में सबसे पहला कदम होता है प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test)।
आमतौर पर पीरियड मिस हो जाने के कुछ दिन बाद यह माना जा सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करना चाहिये, इसका सही समय क्या है। प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिये आप प्रेग्नेंसी किट का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन अगर कुछ अलग लक्षण भी दिख रहे हैं, तो आप यह समझ सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं और जल्द ही आपका घर-आंगन किलकारी से गूंज उठेगी। आइये जानते हैं ये लक्षण –
ये हैं प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण (Early symptoms of pregnancy) –
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जिन पर अगर ध्यान दिया जाये तो प्रेग्नेंसी का पता चल सकता है। जब गर्भ ठहरता है तो पेट के नीचले हिस्से में हल्का दर्द महसूस होता है। इसके अलावा ब्रेस्ट में ऐंठन व दर्द की शिकायत होती है। वहीं सूजन की वजह से ब्रेस्ट साइज में बड़े दिखाई देने लगते हैं।
उल्टी आना –
उल्टी आना प्रेग्नेंसी की शुरुआती लक्षणों में एक है (Vomiting is one of the early symptoms of pregnancy)। अगर आपको रोज सुबह ब्रश करते समय उल्टी जैसा महसूस हो तो यह संभव है कि आप प्रेग्नेंट हों। इस हालत में आपको प्रग्नेंसी टेस्ट करवाना चाहिये। खासतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में यह समस्या बहुत अधिक होती है।
तेज गंध आना –
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को किसी-किसी चीज की तेज गंध आती है। यह प्याज या लहसुन की भी तेज महक हो सकती है, फ्रिज, अंडे या किसी मसाले की। गर्भावस्था में हार्मोन्स में बदलाव के कारण महिलाओं की सूंघने की क्षमता बढ़ जाती है और उन्हें तेज गंध आने लगती है।
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गले में जलन –
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में गले में जलन की शिकायत होती है। इस दौरान कुछ खाने से गला जलने लगता है। यह समस्या दिन में कभी भी हो सकती है। इस समस्या के कारण कई बार महिलायें मसालायुक्त भोजन करने से परहेज करने लगती हैं।
रक्तस्त्राव होना –
कई महिलाओं में प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में हल्का-हल्का रक्तस्त्राव होने लगता है। मेडिकल की भाषा में इसे ‘स्पाॅटिंग’ (spotting) कहते हैं। अगर आपको भी कभी हल्की ब्लीडिंग दिखे तो इसमें घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि गर्भावस्था के शुरुआती चरण में भू्रण गर्भाशय की दीवारों में खुद को प्रत्यारोपित करता है और जब आपके पीरियड का समय नजदीक होता है तो थोड़ी-थोड़ी ब्लीडिंग होने लगती है।
बार-बार पेशाब आना –
चिकित्सकों के अनुसार, गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान शरीर में रक्त प्रवाह तेजी से होता है। वहीं, हार्मोन्स में भी बदलाव के कारण किडनी में जोर पड़ता है और बार-बार पेशाब आता है। समय बीतने के साथ ही गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है और किडनी की क्षमता कम होने लगती है। इससे आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है।
पीरियड मिस होने के सात दिन बाद करें प्रेग्नेंसी टेस्ट (Do pregnancy test seven days after missed period) –
प्रेग्नेंसी का पहला लक्षण है पीरियड का मिस होना (Missed period is the first symptom of pregnancy)। अगर आप बच्चा चाह रही हैं और आपका पीरियड मिस हुए सात से आठ दिन हो चुके हैं तो यह सही समय है जब आप प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि प्रेग्नेंट होने पर महिला के खून में एचसीजी हाॅर्मोन बनने लगता है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक हफ्ते का समय लग जाता है। हालांकि अगर आपका पीरियड रेगुलर नहीं रहता, तो यह पता करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। वहीं, टेंशन या शारीरिक समस्याओं से भी कई बार पीरियड अपने समय से पहले या बाद में होता है। इस स्थिति में अपना पीरियड साइकिल बीतने का इंतजार करें और इसके बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें।
किस समय करें प्रेग्नेंसी टेस्ट (What time to do pregnancy test) –
चिकित्सकों की मानें तो सुबह का समय प्रेग्नेंसी का परीक्षण करने के लिये सबसे अच्छा होता है। ऐसा इसलिये क्योंकि इस समय आपके मूत्र में HCG यानी ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन की मात्रा सबसे अधिक होती है, जबकि दिनभर में खाने-पीने व मूत्र त्यागने के बाद HCG के स्तर का सही अनुमान लगा पाना कठिन हो जाता है। अगर आपके पीरियड को मिस हुए दो-चार दिन ही हुए हैं तो बेहतर परिणाम पाने के लिये आपको थोड़ा और इंतजार करना चाहिये। इसके लिये आप पीरियड मिस होने के सातवे-आठवें दिन ही प्रेग्नेंसी किट से अपनी प्रेग्नेंसी चेक करें।
इस तरह चेक करें प्रेग्नेंसी (Check pregnancy like this) –
प्रेग्नेंसी किट से प्रेग्नेंसी चेक करना बहुत आसान होता है। अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं और पीरियड मिस कर दिया है तो अपने पीरियड साइकिल के बाद प्रेग्नेंसी चेक घर पर ही कर सकती हैं। आपको प्रेग्नेंसी किट किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जायेगी। इस किट से आपको सिर्फ दो मिनट में पता चल जायेगा कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। इस तरह करें प्रेग्नेंसी चेक –
- सबसे पहले किट को पैक से बाहर निकालिये।
- किट में दिये गये गोल स्थान पर यूरिन की दो से तीन बूंदें डालें।
- अब इंतजार करें। किट में दो लाइनों में से अगर एक गुलाबी हो जाती है तो आपका रिपोर्ट नेगेटिव है, वहीं अगर दोनों लाइनें गुलाबी हो जाती हैं तो इसका अर्थ है कि आप प्रेग्नेंट हैं। वहीं, अगर कोई रेखा गुलाबी रंग में नजर नहीं आता, इसका अर्थ है कि टेस्ट में कुछ गड़बड़ी है। इस स्थिति में आप अगले दिन दूसरी किट से प्रेग्नेंसी दोबारा जांच सकती हैं। ध्यान रखें कि एक बार चेक करने के कम से कम आधे घंटे तक दोबारा प्रेग्नेंसी चेक न करें।
प्रेग्नेंसी चेक करते समय रखें इन बातों का ध्यान (Keep these things in mind while checking pregnancy) –
प्रेग्नेंसी चेक करने के लिये आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिये। अगर छोटी-छोटी सावधानी न बरती गई तो यह संभव है कि आपको सही परिणाम न मिले। इसलिये प्रेग्नेंसी जांचने के लिये कुछ बातों का जरूर ध्यान देना चाहिए, जैसे-
- किट की एक्सपायरी डेट चेक कर लें।
- पैक से निकालने के बाद किट को ज्यादा न छुयें।
- सुबह की पहली यूरिन से ही प्रेग्नेंसी चेक करनी चाहिये।
- अपनी यूरिन को एक साफ कंटेनर में ही एकत्र करें।
प्रेग्नेंट न होने पर भी अगर न हो पीरियड (If there is no period even when there is no pregnancy)-
पीरियड मिस होना आजकल सामान्य बात है। कई बार जीवनशैली या हार्मोन्स में बदलाव के कारण पीरियड समय पर नहीं आते। लेकिन, अगर पीरियड साइकिल बीते ज्यादा समय हो गया है और आप प्रेग्नेंट भी नहीं है तो आपको चिकित्सक से तुरंत मिलना चाहिये। इसके अलावा पीरियड समय पर न होने के कई और कारण भी हो सकते हैं –
- अधिक स्मोकिंग या शराब के सेवन से भी सेहत बिगड़ने लगती है और पीरियड लेट हो जाता है।
- पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या थाॅयराइड जैसी परेशानियों के कारण भी पीरियड असमय हो जाता है, जबकि प्रेग्नेंसी टेस्ट भी नेगेटिव आता है।
- अत्यधिक तनाव महिलाओं के गोनैडोट्राॅफिन रिजीजिंग हार्मोन को बनने से रोकता है। यह हार्मोन उनके ओव्यूलेशन व पीरियड साइकिल को कंट्रोल करता है। वहीं, इस हार्मोन के न बनने से पीरियड लेट हो सकता है।
- अगर आप ओवरवेट हैं तो आपको मासिक धर्म में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मोटापे से गर्भधारण करने में भी समस्यायें आ सकती हैं।
- अगर आपको सेहत संबंधी कुछ दिक्कते हैं और आप दवाइयों का नियमित सेवन करती हैं तो पीरियड लेट हो सकता है। वहीं, गर्भनिरोधक गोलियों से भी पीरियड अनियमित हो सकता है।
डाॅक्टर से कब लें परामर्श (When to consult a doctor) –
आमतौर पर प्रेग्नेंसी किट से आप घर पर ही अपना प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। लेकिन, हर बार इसका परिणाम सटीक नहीं आता। प्रेग्नेंसी किट ठीक न होने या समय से पहले टेस्ट करने से परिणाम नेगेटिव आ सकता है। इस स्थिति में अपना संशय दूर करने के लिये आप डाॅक्टर से परामर्श ले सकती हैं। वहीं, अगर आपका टेस्ट पाॅजीटिव आये तो आपको डाॅक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिये, ताकि आपको अपनी डाईड व पोषक तत्वों के साथ ही जरूरी सप्लीमेंट्स व दवाइयों की जानकारी मिल सके।
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